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रतन टाटा छोड़ गए 3800 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी, अब कौन संभालेगा कमान, ये नाम है सबसे आगे…

रतन टाटा छोड़ गए 3800 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी, अब कौन संभालेगा कमान, ये नाम है सबसे आगे…

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर। भारतीय उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाने वाले दिग्गज कारोबारी रतन टाटा का बुधवार देर रात निधन गया। 86 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। रतन टाटा के यूं चले जाने से पूरे देश में गम का माहौल है। उनके चाहने वालों को आज वे बहुत याद आ रहे हैं। देशवासियों के दिलों में राज करने वाले रतन टाटा को पूरा देश श्रद्धांजलि दे रहे हैं। करीब 3800 करोड़ रुपये की नेटवर्थ के मालिक रतन टाटा से जुड़ी कई दिलचस्प कहानी है। चलिए जानते हैं कि सुई से हवाई जहाज बनाने वाले ‘टाटा’ कंपनी के मालिक की सफलता ही पूरी कहानी..

रतन टाटा का जन्म ब्रिटिश राज के दौरान बॉम्बे (अब मुंबई) में 28 दिसंबर 1937 को एक पारसी परिवार में हुआ था। वे नवल टाटा के पुत्र थे, जो सूरत में पैदा हुए थे। उनके माता-पिता का नाम नवल टाटा और सूनी कमिसारीट था। जब रतन टाटा 10 साल के थे, तब वे अपने माता पिता से अलग हो गए थे। उसके बाद उन्हें जेएन पेटिट पारसी अनाथालय के माध्यम से उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने औपचारिक रूप से गोद ले लिया था। रतन टाटा का पालन-पोषण उनके सौतेले भाई नोएल टाटा (नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे) के साथ हुआ।

रतन टाटा ने कभी नहीं की शादी
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने पूरी जिंदगी किसी से शादी नहीं की। ऐसा नहीं है कि उन्हें कभी किसी से प्यार नहीं हुआ। एक इंटरव्यू के दौरान खुद रतन टाटा ने अपनी लव लाइफ के बारे में विस्तार से बताया था। उन्होंने कहा था कि उनकी जिंदगी में प्यार ने एक नहीं बल्कि चार बार दस्तक दी थी, लेकिन मुश्किल दौर के आगे उनके रिश्ते शादी के मुकाम तक पहुंच नहीं सके। एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉस एंजिल्स में काम करते समय उन्हें एक लड़की से प्यार हो गया था और उन्हें भारत लौटना पड़ा क्योंकि उनके परिवार का कोई सदस्य बीमार था, लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध के कारण, लड़की के माता-पिता उसे भारत भेजने के खिलाफ थे। जिसके बाद उन्होंने कभी शादी नहीं की।

अब कौन संभालेगा विरासत?
टाटा ग्रुप में अब तक सबसे ऊंचा पद टाटा परिवार के ही किसी सदस्य को मिलता रहा है। 1868 में शुरुआत के बाद ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी एन टाटा ने 1904 तक इसकी कमान संभाली। उनके बाद ग्रुप की जिम्मेदारी सर दोराबजी टाटा (1904-1932), जे आर डी टाटा (1938-1991) और 2012 तक रतन टाटा। अभी रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल नवल टाटा के बच्चे लिआह, माया और नेविल अन्य प्रोफेशनल्स की तरह कंपनी में काम कर रहे हैं। सबसे बड़ी बेटी लिआह टाटा ने मैड्रिड, स्पेन से आईई बिजनेस स्कूल से मार्केटिंग में मास्टर डिग्री हासिल की है। साल 2006 में उन्होंने ताज होटल रिसॉर्ट्स एंड पैलेस में बतौर असिसटेंट सेल्स मैनेजर जॉइन किया था। फिलहाल वो द इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) में वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर काम कर रही हैं। छोटी बेटी माया टाटा ने ग्रुप की फ्लैगशिप फाइनेंशियल सर्विस कंपनी टाटा कैपिटल में एनालिस्ट के तौर पर जॉइन किया था। जबकि उनके भाई नेविल टाटा ने ट्रेंट में अपनी प्रोफेशनल जर्नी की शुरुआत की। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रतन टाटा के संभावित उत्तराधिकारियों में नोएल टाटा सबसे मजबूत दावेदार माने जाते हैं।

सियासी मियार की रीपोर्ट