स्पाइसजेट के मालिक अजय सिंह की गिरफ्तारी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक...
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को स्पाइसजेट के मालिक अजय सिंह को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है। उनपर एयरलाइन के शेयर हस्तांतरण में अनियमितता बरतने का आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने सिंह को राहत देते हुए दिल्ली पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही, मामले की सुनवाई 24 मई तक करते हुए आरोपी सिंह को जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है।
निचली अदालत ने पिछले महीने अजय सिंह को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। साथ ही कहा था कि मामले के समग्र तथ्यों, परिस्थितियों और अपराध की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है। इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में याराचिका दाखिल कर अग्रिम जमानत की मांग की है। आरोपी अजय सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने उच्च न्यायालय को बताया कि उनके मुवक्किल से हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं थी और वह कहीं भागने वाला नहीं है। लूथरा ने न्यायालय को बताया कि उनका मुवक्किल सिंह मामले की जांच में सहयोग कर रहा है। साथ ही कहा कि सिंह ने 10 लाख रुपये की राशि भी वापस कर दी, जो उन्हें शिकायतकर्ता द्वारा शेयरों के हस्तांतरण के लिए दी गई थी, जो कि एक मध्यस्थ न्यायाधिकरण के समक्ष एक अलग लंबित विवाद के कारण अमल में नहीं आ सका।
लूथरा ने न्यायालय को बताया था कि उनका मुवक्किल 10 लाख शेयर रखेंगे और उन शेयरों को न तो अलग करेंगे और न ही तीसरे पक्ष के अधिकार बनाएंगे। शिकायतकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने सिंह की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अग्रिम याचिका दाखिल करने के तरीके पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि वर्तमान मामला गंभीर है और अजय उसी दिन फरार हो गए जब निचली अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी। लूथरा ने कहा कि अजय किसी काम के सिलसिले में देश छोड़कर गए थे और उनका इरादा वापस आने का था।
दिल्ली पुलिस के वकील ने भी अजय की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि उनके खिलाफ अन्य आपराधिक मामले लंबित हैं और वर्तमान मामले में उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया है। अजय के खिलाफ एक व्यक्ति की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया। इसमें कंपनी के शेयर हस्तांतरण में नियमों की अनदेखी से जुड़ा है। उनके खिलाफ 2018 में शिकायत दर्ज कराई थी।
सियासी मीयार की रिपोर्ट