श्रीलंका के खिलाफ ‘करो या मरो’ के मैच में भारत को गेंदबाजी संतुलन की जरूरत..
दुबई, 05 सितंबर। भारतीय टीम जब मंगलवार को एशिया कप के ‘करो या मरो’ के ‘सुपर फोर’ मुकाबले में श्रीलंका के सामने होगी तो उसे अपने गेंदबाजों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की जरूरत होगी जबकि उसे ज्यादा प्रयोग से भी बचना होगा। चोटिल रविंद्र जडेजा, हर्षल पटेल और जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में भारत के पास गेंदबाजी विभाग में खिलाने के लिये ज्यादा विकल्प नहीं हैं।
भारत रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ पांच गेंदबाजी विकल्प के साथ खेला था और यह फैसला टीम के पक्ष में नहीं रहा क्योंकि भुवनेश्वर कुमार का दिन अच्छा नहीं रहा। पाकिस्तान के खिलाफ शुरूआती मैच में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले हार्दिक पंड्या मंहगे साबित हुए और ऐसा ही युजवेंद्र चहल के साथ भी हुआ जो टूर्नामेंट में अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं दिख रहे हैं।
पांच गेंदबाजों की ‘थ्योरी’ में हार्दिक के चार ओवर काफी अहम हो जाते हैं। अक्षर पटेल को टीम में संतुलन प्रदान करने के लिये अंतिम एकादश में शामिल किया जा सकता है जिन्हें जडेजा की जगह बुलाया गया है। आवेश खान पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले अस्वस्थ थे, वह तीसरे विशेषज्ञ तेज गेंदबाज के तौर पर टीम में वापसी कर सकते हैं।
मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने जोर दिया था कि भारत विश्व कप से पहले अपनी सर्वश्रेष्ठ अंतिम एकादश के साथ खेलने की कोशिश करेगा लेकिन रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम का प्रयोग करना जारी है।
टीम में ‘ऋषभ पंत बनाम दिनेश कार्तिक’ बहस जारी है जिससे टीम प्रबंधन ने तमिलनाडु के विकेटकीपर बल्लेबाज की जगह दीपक हुड्डा को खिलाया। वहीं कार्तिक को हालांकि पहले दो मैचों में बमुश्किल से बल्लेबाजी का मौका मिला। इस समय गेंदबाजी संसाधन भले ही काफी नहीं हों लेकिन भारत को अपने मध्यक्रम के बारे में फैसला करने की जरूरत है।
पाकिस्तान के खिलाफ मैच से सकारात्मक चीज यह रही कि शीर्ष क्रम ने शानदार प्रदर्शन किया। रोहित, केएल राहुल और विराट कोहली सभी तीनों ने काफी आक्रामकता दिखायी और भारत को तेज शुरूआत करायी।
कोहली के आलोचक एशिया कप में उनके लगातार दूसरे अर्धशतक के बाद आखिर अब चुप हो सकते हैं। वह भले ही अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं हों लेकिन रविवार को उन्होंने संकेत दिया कि वह इस ओर बढ़ रहे हैं। श्रीलंका के खिलाफ मुकाबले में कोहली और दोनों सलामी बल्लेबाजों से पहली ही गेंद से तेज तर्रार बल्लेबाजी की उम्मीद लगी होगी।
बांग्लादेश और अफगानिस्तान के खिलाफ दो करीबी जीत दर्ज करने के बाद श्रीलंका ने शुरूआती मैच में करारी शिकस्त के बावजूद अपना अभियान पटरी पर लौटा लिया है। तीसरे नंबर के बल्लेबाज चरित असालंका को छोड़कर श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने प्रभाव डाला है जिसमें बांग्लादेश के खिलाफ कप्तान दासुन शनाका और कुसाल मेंडिस तथा अफगानिस्तान के खिलाफ धनुष्का गुणतिलक और भानुका राजपक्षे शामिल हैं।
कोच क्रिस सिल्वरवुड की टीम अब राहत की सांस ले सकती है कि वह किसी भी हालात में जीत हासिल कर सकती है। इसलिये भारत को श्रीलंका से सतर्क रहना होगा क्योंकि एक और हार उसे फाइनल की दौड़ से बाहर कर सकती है।
शनाका ने अफगानिस्तान के खिलाफ शानदार ओवर के बाद कहा था, ‘‘ड्रेसिंग रूम में यही जज्बा बना हुआ है। हमें लगता है कि हम बतौर टीम इस तरह के विकेट पर किसी भी लक्ष्य का पीछा कर सकते हैं। लक्ष्य का पीछा करते हुए हमें स्पष्ट पता होता कि विकेट किस तरह बर्ताव करेगा। ’’
टीमें इस प्रकार हैं :
भारत:
रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), दीपक हुड्डा, हार्दिक पांड्या, भुवनेश्वर कुमार, रवि बिश्नोई, युजवेंद्र चहल, अर्शदीप सिंह, दिनेश कार्तिक, आवेश खान, अक्षर पटेल और रविचंद्रन अश्विन।
श्रीलंका:
दासुन शनाका (कप्तान), धनुष्का गुणतिलका, पाथुम निसांका, कुसाल मेंडिस, चरित असलंका, भानुका राजपक्षे, आशेन बंडारा, धनंजय डि सिल्वा, वानिन्दु हसरंगा, महेश तीक्ष्णा, जेफ्रे वांडरसे, प्रवीण जयविक्रमा, चमिका करुणारत्ने, दिलशान पाथिराना, नुवानिंदु फर्नांडो और दिनेश चांदीमल।
सियासी मियार की रिपोर्ट