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भारतीय मूल के पहले शख्स और प्रथम हिंदू के रूप में सुनक बनेंगे ब्रिटिश प्रधानमंत्री..

भारतीय मूल के पहले शख्स और प्रथम हिंदू के रूप में सुनक बनेंगे ब्रिटिश प्रधानमंत्री..

लंदन, 25 अक्टूबर दिवाली पर सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुने गये ऋषि सुनक भारतीय मूल के पहले शख्स के रूप में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचेंगे। पेनी मॉर्डंट के दौड़ से हटने के बाद सुनक के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।

वह करीब 200 सालों में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने वाले सबसे युवा नेता होंगे। इसके अलावा वह ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने वाले पहले हिंदू होंगे। ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री 42 वर्षीय सुनक एक धर्मपरायण हिंदू हैं और अब वह लंदन में 10 डाउनिंग स्ट्रीट में पहुंचने के लिए तैयार हैं। बकिंघम पैलेस में महाराजा चार्ल्स तृतीय से मुलाकात के बाद सुनक के मंगलवार को प्रधानमंत्री बनने की संभावना है।

आगे के कार्यक्रम की घोषणा जल्द की जाएगी। वर्तमान में सबसे युवा ब्रिटिश प्रधानमंत्री का रिकॉर्ड डेविड कैमरन के नाम है, जो 42 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने थे। पूर्व वित्त मंत्री (42) सुनक को कंजरवेटिव पार्टी के 357 में से आधे से अधिक सांसदों का समर्थन मिला, जबकि उन्हें नेता बनने की दौड़ में बने रहने के लिए कम से कम 100 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी।

सांसदों की प्रभावशाली समिति के प्रमुख सर ग्राहम ब्रैडी ने नाम वापस लेने के आखिरी दिन स्थानीय समयानुसार अपराह्न दो बजे संसद परिसर में घोषणा की कि उन्हें केवल एक नामांकन मिला है, लिहाजा सुनक नेता बनने की दौड़ में विजयी रहे हैं।

सुनक ने कहा, ‘‘ब्रिटेन एक महान देश है, लेकिन हम बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। यही कारण है कि मैं कंजरवेटिव पार्टी का नेता और आप का अगला प्रधानमंत्री बनने के लिए खड़ा हूं। उन्होंने सरकार के हर स्तर पर ईमानदारी, पेशेवर रुख और जिम्मेदारी दिखाने का वादा किया और कहा कि वह काम को पूरा करने के लिए दिन-रात काम करेंगे।

सुनक ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऐसे समय में बनने जा रहे हैं जब देश की अर्थव्यवस्था कम विकास दर, उच्च मुद्रास्फीति और ऊर्जा की ऊंची कीमतों के कारण तिहरी चुनौती का सामना कर रही है।

इससे पहले, कंजरवेटिव पार्टी के कई चर्चित सांसदों ने जॉनसन के खेमे को छोड़ते हुए सुनक का समर्थन किया, जिनमें पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल, कैबिनेट मंत्री जेम्स क्लेवर्ली और नदीम जहावी शामिल हैं।

पटेल भारतीय मूल की पूर्व ब्रिटिश मंत्री हैं, जिन्होंने पिछले महीने लिज ट्रस के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि कंजरवेटिव पार्टी को सुनक को नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए।

सुनक की जीत उनके राजनीतिक भाग्य में एक उल्लेखनीय बदलाव का प्रतीक है, जो पिछले महीने सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों का समर्थन नहीं मिलने के बाद निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस से चुनाव हार गए थे।

कंजरवेटिव पार्टी में ट्रस के नेतृत्व के खिलाफ खुला विद्रोह हो गया था, जिसके चलते सिर्फ 45 दिन तक प्रधानमंत्री रहने के बाद उन्होंने बृहस्पतिवार को पद से इस्तीफा दे दिया था।

भारतीय मूल के डॉक्टर पिता यशवीर और फार्मासिस्ट मां उषा के यहां ब्रिटेन में जन्मे सुनक ने पिछले अभियान के दौरान अपनी प्रवासी जड़ों के बारे में विस्तार से बात की थी और पहले भारतवंशी वित्त मंत्री के तौर पर 11 डाउनिंग स्ट्रीट पर दिवाली के दीये जलाकर इतिहास बनाने का भी उल्लेख किया था।

सुनक ने कुछ महीने पहले प्रचार के अपने वीडियो में कहा था, ‘‘मेरी नानी जी के पूर्वी अफ्रीका में एक विमान में सवार होने के 60 साल बाद अक्टूबर की एक गर्म धूप वाली शाम में, उनकी परनातियां, मेरे बच्चे, हमारे घर के बाहर गली में खेलते हैं, दरवाजे पर रंगोली बनाते हैं, दीये जलाते हैं; दीपावली पर कई अन्य परिवारों की तरह मस्ती करते हैं।’’

यह व्यक्तिगत कहानी उनके सास-ससुर- इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति के लिए एक भावनात्मक संदर्भ में भी विस्तारित हुई। सुनक अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति की पारिवारिक संपत्ति को लेकर निशाने पर भी रहे।

पिछले कुछ महीनों में टीवी पर गरमागरम बहस के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘मेरे सास-ससुर ने जो बनाया है, उस पर मुझे वास्तव में बहुत गर्व है।’’

सुनक का जन्म साउथेम्प्टन में हुआ था। एक धर्मनिष्ठ हिंदू के रूप में सुनक मंदिर में नियमित रूप से जाते हैं और उनकी बेटियां, अनुष्का और कृष्णा की भी जड़ें भारतीय संस्कृति में निहित हैं।

सुनक ने हाल में साझा किया कि कैसे अनुष्का ने जून में वेस्टमिंस्टर एबे में क्वींस प्लेटिनम जुबली समारोह के लिए अपने सहपाठियों के साथ कुचिपुड़ी की प्रस्तुति दी।

बहरहाल, सुनक को वित्त मंत्री के रूप में अपने रिकॉर्ड को लेकर अपने प्रतिद्वंद्वियों के हमलों का भी सामना करना पड़ा। कंजरवेटिव पार्टी सदस्यता आधार को लुभाने के लिए किसी भी वोट-जिताऊ कर कटौती के वादे के बजाय वह महंगाई पर अपना ध्यान केंद्रित करने के फैसले पर कायम रहे।

उन्होंने घोषणा की, ‘‘मैं इस संसद में करों में कटौती करूंगा, लेकिन मैं इसे जिम्मेदारी से करने जा रहा हूं। मैं चुनाव जीतने के लिए करों में कटौती नहीं करता, मैं करों में कटौती के लिए चुनाव जीतता हूं।’’

उन्होंने विनचेस्टर कॉलेज के अलावा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र (पीपीई) की पढ़ाई की और फिर स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए किया।

गोल्डमैन सैक्स और हेज फंड मैनेजर के रूप में निजी क्षेत्र का सुनक का अनुभव उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की आभा प्रदान करता है, जिस पर कठोर आर्थिक प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने के लिए भरोसा किया जा सकता है।

उनका राजनीतिक करियर 2015 में यॉर्कशायर में रिचमंड की सीट जीतने के साथ शुरू हुआ और वित्त मंत्रालय में कनिष्ठ भूमिकाओं से होते हुए वह वित्त मंत्री के पद पर पहुंच गए, जब साजिद जाविद ने फरवरी 2020 में इस्तीफा दे दिया।

प्रधानमंत्री पद के लिए सुनक का मार्ग प्रशस्त करने वाला घटनाक्रम इस प्रकार है:-

2015: ऋषि सुनक को रिचमॉन्ड, यॉर्कशायर का सांसद चुना गया।

2016: सुनक ‘ब्रेक्जिट’ (यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने) के समर्थक हैं और उन्होंने इसके पक्ष में अभियान भी चलाया था। उनके इस कदम ने आने वाले वर्षों में टोरी पार्टी में उनका क्रमिक रूप से प्रभाव बढ़ाया।

2018: तत्कालीन प्रधानमंत्री टेरेजा मे के तहत, सुनक को पहली बार मंत्री बनाया गया और उन्हें आवास, समुदाय एवं स्थानीय शासन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई।

जुलाई 2019:सुनक ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद के लिए बोरिस जॉनसन का समर्थन किया और उन्हें इसका पुरस्कार तत्कालीन चांसलर साजिद जावेद के तहत मंत्री के तौर पर नियुक्ति के रूप में मिला।

फरवरी 2020: ब्रिटिश चांसलर और तत्कालीन प्रधानमंत्री के बीच सत्ता की रस्सकशी को लेकर जावेद के इस्तीफा देने के बाद बोरिस जॉनसन ने सुनक को चांसलर के रूप में पदोन्नत किया।

अप्रैल 2020: कोविड-19 महामारी के कारण मार्च 2020 में ब्रिटेन में पूर्ण लॉकडाउन लगने के बाद, सुनक द्वारा काफी संख्या में नौकरियां बचाने और कारोबार को राहत प्रदान करने वाले उपाय किये जाने को लेकर उनकी सराहना की गई।

2021:पार्टीगेट प्रकरण के कारण जॉनसन के प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के लिए समस्याएं पेश आने के बाद उनके उत्तराधिकारी के तौर पर सबसे पसंदीदा नेता के तौर पर सुनक का नाम उभर कर सामने आया था। हालांकि, भारतीय मूल के चांसलर ने उस वक्त मिली जिम्मेदारियों पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया।

फरवरी 2022: ब्रिटेन के चांसलर सुनक ने स्वीकार किया कि वह डाउनिंग स्ट्रीट स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में जॉनसन के जन्म दिन के कार्यक्रम में उपस्थित थे। यह कार्यक्रम लॉकडाउन के तहत लागू नियमों का उल्लंघन था।

अप्रैल 2022 : अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति को इंफोसिस कंपनी से हुई अपनी आय पर ब्रिटेन में कथित तौर पर कर नहीं देने को लेकर वह और सुनक मीडिया की खबरों में रहे।

जुलाई 2022: ऋषि सुनक ने चांसलर के पद से इस्तीफा दे दिया।

आठ जुलाई: सुनक ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के तौर पर जॉनसन की जगह लेने के लिए अपनी दावेदारी पेश की।

20 जुलाई: ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद की प्रतिस्पर्धा के अंतिम चरण में लिज ट्रस से मुकाबला करने के लिए सुनक 137 वोट के साथ कंजरवेटिव पार्टी में सबसे आगे निकल गये।

30 अगस्त : सुनक खेमे ने ट्रस पर जांच से बचने का आरोप लगाया।

एक सितंबर:सुनक ने चुनाव प्रचार से जुड़े अंतिम कार्यक्रम में अपने माता-पिता तथा पत्नी अक्षता मूर्ति का, उनके सहयोग के लिए आभार जताया।

पांच सितंबर : ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री बनने के लिए कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में लिज ट्रस ने सुनक को हराया।

14 अक्टूबर : ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने शेयर बाजार में घबराहट के माहौल के बीच चांसलर पद से क्वासी क्वार्तेंग को बर्खास्त किया।

20 अक्टूबर: ट्रस ने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के महज छह हफ्ते बाद, एक खुली बगावत का सामना करने के बीच इस्तीफा दे दिया।

24 अक्टूबर:दिवाली के दिन पेनी मॉर्डंट के दौड़ से हटने की घोषणा के बाद सुनक को कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुन लिया गया।सुनक अब ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचेंगे।

सियासी मीयर की रिपोर्ट