बरेली में अवैध धर्मांतरण के दो आरोपी साक्ष्यों के अभाव में बरी…
बरेली (उप्र), 23 अगस्त। बरेली जिले की एक अदालत ने अवैध धर्मांतरण के आरोपी दो अभियुक्तों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। अदालत ने जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को मामले की जांच करने और आरोपपत्र दाखिल करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) सुनील पांडेय ने शुक्रवार को बताया, ‘‘अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की अदालत ने अवैध धर्मांतरण रोकथाम अधिनियम के एक मामले में अभिषेक गुप्ता और कुंदन लाल को बरी कर दिया।’’
अदालत ने इस साल 30 जुलाई को अपना आदेश दिया था। मामले के संदर्भ में बात करते हुए एडीजीसी पांडेय ने बताया कि मई 2022 में बिथरी चैनपुर पुलिस ने एक दक्षिणपंथी हिंदू समूह के सदस्य हिमांशु पटेल की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज के तकनीशियन अभिषेक गुप्ता और कुंदन लाल को गिरफ्तार किया था।
उन्होंने बताया कि शिकायत के अनुसार, दोनों करीब 40 लोगों को ईसाई धर्म में धर्मांतरित करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने इस मामले में 19 दिसंबर 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया।
हालांकि, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अभिषेक गुप्ता और कुंदन लाल को इस आधार पर बरी कर दिया कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है, जिससे यह साबित हो सके कि दोनों अवैध धर्म परिवर्तन में शामिल थे।
अभिषेक गुप्ता के वकील इमरान रजा ने बताया कि मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए अदालत ने बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रकरण की जांच करने वाले और आरोप पत्र दाखिल करने वाले जांच अधिकारी और क्षेत्राधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने बताया कि अदालत ने अभिषेक गुप्ता और कुंदन लाल को हिमांशु पटेल के खिलाफ कार्रवाई के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने को भी कहा है।
सियासी मियार की रीपोर्ट