कविता : चिड़िया आसमान में…
-चांदनी कुमारी-
चिड़िया आसमान में नया सवेरा लाती है,
नई ऊंचाइयों को गगन में खोज नई लाती है,
बादलों के गरजने से, बूंदों के बरसने से,
चिड़िया का घर हमेशा बिखरते रहता है,
इसीलिए वह चिड़िया देखो ज़रा,
नई खोज, नई दिशा में उड़ती जाती है,
एक-एक तिनका का यूं चुन चुन कर,
नया घोंसला अपना फिर से बनाती है।।
सियासी मियार की रीपोर्ट