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पुस्तक समीक्षा : हिमाचल के दर्शनीय स्थल एक किताब में…

पुस्तक समीक्षा : हिमाचल के दर्शनीय स्थल एक किताब में…

बाल साहित्यकार पवन चौहान इस बार पर्यटक स्थलों का विस्तृत ब्योरा लेकर आए हैं। उनकी किताब ‘पर्यटकों का ननिहाल : हिमाचल प्रदेश’ हिमाचल के दर्शनीय स्थलों के दर्शन करवाती है। इसमें प्राय: सभी जिलों के दर्शनीय स्थल सुंदर फोटो के साथ संकलित किए गए हैं। किताब को पढक़र आप हिमाचल के दर्शन कर सकते हैं। अगर कोई हिमाचल की सैर करना चाहता है, तो ऐसा करने से पहले उसे इस किताब को पढऩा चाहिए। इस किताब में दर्शनीय स्थलों के साथ-साथ झीलों, मंदिरों, ऐतिहासिक स्थलों व काफी कुछ और का रोचक ब्योरा है। यह किताब पर्यटकों के लिए गाइड की तरह है। डायमंड बुक्स से प्रकाशित इस किताब को 112 पृष्ठों में समेटा गया है, जिसकी कीमत 175 रुपए है। कल्पा का ब्योरा सुंदर स्थल के रूप में दिया गया है। किताब में भूगोल के अलावा इतिहास पर भी कलम चलाई गई है। कल्पा के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग, चाका का स्कीईंग स्थल, देवी कोठी का धर्मस्थल, कश्मीर मेला, लवर प्वाइंट, किन्नर-कैलाश व्यू तथा कई और विशेषताएं। किताब में यह जानकारी भी दी गई है कि किस दर्शनीय स्थल की यात्रा कब करनी है, कहां ठहरना है और पहुंचना कैसे है। रिकांगपिओ बाजार को खरीददारी के लिए सबसे बेहतर स्थान माना जाता है। सरयूलसर की रोमांचकारी यात्रा पर भी लेखनी चली है। बूढ़ी नागणी का मंदिर, खनाग, रघुपुरगढ़, पनेउ, टकरासी आदि कुल्लू जिले के दर्शनीय स्थल हैं। देवीदहड़ को अनुछए सौंदर्य का पहरेदार माना जाता है। इसका सौंदर्य खजियार जैसा है। ज्यूणी घाटी, छोटी शिकारी, शिकारी देवी पर्वत, कमरुनाग झील, संपूर्ण जंजैहली घाटी, सरोआ माता मंदिर व रोमांच से भरे टै्रक यहां के दर्शनीय स्थल हैं।

\अटल टनल यात्रा, राफ्टिंग का रोमांच, नग्गर व मनाली की खूबसूरती पर भी लेखक ने कलम चलाई है। रिवालसर, कुंतभयो झील, पराशर, कमरुनाग व सुंदरनगर झीलों का सौंदर्य भी लेखक ने उकेरा है। मंडी जिले की एक अन्य खासियत है यहां का शिवरात्रि मेला। आस्था और रोमांच के संगम के रूप में किन्नर कैलाश का ब्यौरा पाठक को आकर्षित करता है। दुर्लभ ब्रह्म कमल तथा पार्वती कुंड भी काफी सुंदर दर्शनीय स्थल के रूप में उभारे गए हैं। कसौली का मंकी प्वाइंट, कसौली क्लब, सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा, गिल्बर्ट ट्रेल, ऐतिहासिक चर्च व गोरख किला यहां के दर्शनीय स्थल हैं। यदि कसौली की सैर करनी है तो सोलन के अन्य स्थलों व शिमला के नालदेहरा, रिज मैदान, कुफरी आदि की सैर करना न भूलें। जंजैहली को रोमांच व आस्था की खूबसूरत घाटी के रूप में उकेरा गया है। भुलाह, बूढ़ा केदार तीर्थ स्थल, शिकारी देवी पर्वत, भुलाह नाले का रोमांच, शिकारी देवी मंदिर और यहां के ट्रैकिंग स्थल काफी रोमांचक हैं। पालमपुर में अंद्रेटा, सोभा सिंह आर्ट गैलरी, नोराह रिचर्ड्स का कर्मस्थल, बीड़-बिलिंग, बैजनाथ मंदिर, चामुंडा देवी, सौरभ वन विहार, चाय बागान आदि कांगड़ा के दर्शनीय स्थल हैं। सांगला के सुंदर गांव व फुलैच मेला भी दर्शनीय हैं। कामरु, आजाद कश्मीर, बटसेरी, रक्षम, छितकुल की सैर भी की जा सकती है। बरोट के आसपास झटींगरी, टिक्कन, बरोट बांध, रोपवे ट्राली, ट्राउट मछली केंद्र, देव पशाकोट भी काफी सुंदर स्थल हैं। डलहौजी में अजीत सिंह स्मारक, पंचपुला, सतधारा, डलहौजी मार्केट, सुभाष बावली, कालाटोप, डैन कुंड पीक आदि दर्शनीय स्थल पर्यटकों को खूब लुभाते हैं। करसोग के आसपास ममलेश्वर महादेव, माहुंनाग, कामाक्षा देवी, पांगणा, चिंडी, तत्तापानी, करसोग बाजार व कई ट्रैकिंग स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। नग्गर कैसल, रोरिक आर्ट गैलरी, कला संग्रहालय, देवी त्रिपुरा सुंदरी, गौरी शंकर का पाषाण मंदिर, चामुंडा माता, वासुकी नाग, मुरलीधर मंदिर भी अच्छे पर्यटक स्थलों के रूप में उकेरे गए हैं। खजियार झील, खज्जीनाग मंदिर, स्वर्ण देवी मंदिर, चंबा शहर, भूरि सिंह संग्रहालय, लक्ष्मी नारायण मंदिर, चौगान, भरमौर, मणिमहेश झील जैसे सुंदर स्थलों को भी किताब में स्थान मिला है। कुल मिलाकर यह किताब पर्यटकों की अच्छी गाइड है।

सियासी मियार की रीपोर्ट