फेड की बैठक के नतीजे का बाजार पर रहेगा असर...
मुंबई, 15 सितंबर। विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर मजबूत माॅनसून और त्योहारी सीजन में मांग में वृद्धि होने की उम्मीद में हुई दमदार लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह दो प्रतिशत से अधिक चढ़े घरेलू शेयर बाजार पर अगले सप्ताह बहुप्रतीक्षित ब्याज दर में कटौती को लेकर होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक के नतीजाें का असर रहेगा।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1707.01 अंक अर्थात 2.1 प्रतिशत की छलांग लगाकर कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन 82890.94 अंक पर पहुंच गया। साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 504.35 अंक यानी 2.02 प्रतिशत मजबूत होकर 25356.50 अंक पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी जमकर खरीददारी हुई। इससे बीएसई का मिडकैप 737.21 अंक अर्थात 1.52 प्रतिशत उछलकर सप्ताहांत पर 49244.05 अंक और स्मॉलकैप 1150.18 अंक यानी 2.05 प्रतिशत की उड़ान भरकर 57128.04 अंक पर पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, घरेलू बाजारों ने बीते सप्ताह पूंजी बाजार नियामक सेबी के विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के डिस्क्लोजर नियमों की समय सीमा और अमेरिका में मंदी की आशंकाओं से उत्पन्न नकारात्मक भावनाओं पर काबू पा लिया। बाजार प्रतिभागियों के बीच शुरुआती सतर्कता अमेरिका की मुद्रास्फीति, बेरोजगारी दावे, घरेलू मुद्रास्फीति और विनिर्माण आंकड़ों जैसे कई वृहद् आर्थिक आंकड़ों से भी प्रभावित हुई। इसके अलावा मुद्रास्फीति ऊंची बनी रहने पर संभावित ब्याज दर वृद्धि को लेकर जापान के केंद्रीय बैंक (बीओजे) की टिप्पणियों से भी बाजार में सतर्कता बढ़ गई।
अस्थिरता के बावजूद मजबूत माॅनसून और त्योहारी सीजन में मांग में वृद्धि की उम्मीद ने निवेशकों की भावना को प्रोत्साहित किया, जिससे घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) और एफआईआई के निवेश प्रवाह सकारात्मक बने रहे। एफआईआई ने सितंबर में अबतक शेयर बाजार में 16,600.88 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। इसी तरह डीआईआई भी 7,990.18 करोड़ रुपये के शुद्ध लिवाल रहे हैं।
अमेरिका में महंगाई में मामूली गिरावट आई लेकिन रोजगार बाजार में नरमी जारी रही। भारत में महंगाई दर स्थिर रही वहीं जुलाई के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में वृद्धि देखी गई। बीते सप्ताह यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की आशा ने वैश्विक बाजारों को सकारात्मक प्रेरणा दी, जिससे बाजार नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
अगले सप्ताह बाजार की नजर 17-18 सितंबर को होने वाली फेडरल रिजर्व ओपेन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक पर रहेंगी। निवेशकों को इस बैठक से ब्याज दर में कम से कम 0.25 प्रतिशत की कटौती किये जाने की उम्मीद है। यदि ऐसा होता है तो बाजार पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा।
बीते सप्ताह बाजार में तीन दिन तेजी जबकि दो दिन गिरावट रही। विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर एफएमसीजी, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स समेत पांच समूहों में हुई लिवाली की बदौलत सोमवार को सेंसेक्स 375.61 अंक की छलांग लगाकर 81,559.54 अंक और निफ्टी 84.25 अंक चढ़कर 24,936.40 अंक पर बंद हुआ। विदेशी बाजारों के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर आईटी, दूरसंचार, यूटिलिटीज, पावर और टेक समेत सत्रह समूहों में हुई लिवाली से मंगलवार को सेंसेक्स 361.75 अंक मजबूत होकर 81,921.29 अंक और निफ्टी 104.70 अंक की तेजी के साथ 25,041.10 अंक पर पहुंच गया।
वहीं, अमेरिकी फेड रिजर्व के सितंबर में ब्याज दर में कटौती शुरू करने के लिए निर्णायक महंगाई आंकड़ों के इंतजार में एशियाई बाजार में आई गिरावट से निराश निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा बिकवाली से बुधवार को सेंसेक्स 398.13 अंक का गोता लगाकर 81,523.16 अंक और निफ्टी 122.65 अंक की गिरावट लेकर 24,918.45 अंक पर बंद हुआ।
अमेरिका में खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी होने से फेडरल रिजर्व के सितंबर में ब्याज दर में चौथाई फ़ीसदी तक की कटौती करने की उम्मीद में विश्व बाजार में आई तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 1439.55 अंक की उड़ान भरकर 82,962.71 अंक के नये रिकॉर्ड स्तर और निफ्टी 470.45 अंक उछलकर 25,388.90 अंक के नये शिखर पर पहुंच गया।
वहीं, विश्व बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर अडानी पोर्ट्स, आईटीसी, एनटीपीसी, मारुति और रिलायंस समेत 19 समूहों में हुई मुनाफावसूली के दबाव में शुक्रवार को सेंसेक्स 71.77 अंक गिरकर 82,890.94 अंक और निफ्टी 32.40 अंक फिसलकर 25,356.50 अंक पर बंद हुआ।
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