ईरानी बॉर्डर गार्ड्स ने घुसपैठ की कोशिश को किया नाकाम, दो आतंकवादी ढेर
तेहरान, 21 सितंबर। ईरानी बॉर्डर गार्ड्स ने एक ऑपरेशन में ‘आतंकवादी ग्रुप’ की देश में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। स्थानीय मीडिया के मुताबिक आतंकी ग्रुप के दो सदस्य मारे गए।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अर्द्ध-सरकारी फार्स समाचार एजेंसी के हवाले से बताया कि आतंकी शुक्रवार को दक्षिण-पूर्वी प्रांत सिस्तान और बलूचिस्तान के सिरकन शहर के पास बॉर्डर पार कर ईरान में एंट्री की कोशिश कर रहे थे।
ईरान के सीमा रक्षक कमांडर अहमद अली गौदरजी ने कहा कि खुफिया जानकारी के आधार पर बॉर्डर के पास ग्रुप की गतिविधियों का पता चला। इसके बाद ईरानी बॉर्डर गार्ड्स ने ‘आतंकवादियों’ को ‘कड़ा झटका दिया और पराजित’ किया।
गौदरजी के अनुसार, सीमा रक्षकों ने भारी गोलीबारी की, जिसमें दो आतंकी मारे गए। आंतकियों के पास से हथियार, गोला-बारूद और रेडियो सहित काफी मात्रा में सैन्य उपकरण बरामद हुए।
सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत पाकिस्तान और अफगानिस्तान सीमा साझा करता है। यहां पिछले कुछ वर्षों में नागरिकों और सुरक्षा बलों पर कई आतंकवादी हमले हुए हैं।
इससे पहले ईरान के सशस्त्र बलों ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या का बदला लेने की ईरान की दृढ़ इच्छाशक्ति पर समय बीतने का कोई असर नहीं पड़ेगा।
आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक सशस्त्र बलों ने कहा कि इजरायल को अपनी ‘मूर्खतापूर्ण और क्रूर गलती (हानिया की हत्या)’ की कीमत चुकानी होगी।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, सशस्त्र बलों ने गाजा में इजरायल की ‘क्रूरता और अपराधों’ के खिलाफ वैश्विक एकजुटता का आह्वान किया।
सशस्त्र बलों ने इजरायल की ‘क्रूर कार्रवाइयों’ को लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों के ‘अंधे’ समर्थन के खिलाफ भी वैश्विक एकजुटता की अपील की।
31 जुलाई को तेहरान में हुए हमले में हानिया की मौत हो गई थी। वह ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए ईरान की राजधानी आए थे।
ईरान ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया और बदला लेने की कसम खाई।
दूसरी तरफ इजरायल ने इस हमले में अपनी संलिप्तता की पुष्टि या खंडन नहीं किया।
सियासी मियार की रीपोर्ट