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बीटेक कॉलेज का चुनाव करते समय इन बातों का रखें ध्यान, एक्सपर्ट्स से जानिए 7 टिप्स…

बीटेक कॉलेज का चुनाव करते समय इन बातों का रखें ध्यान, एक्सपर्ट्स से जानिए 7 टिप्स…

अपने करियर में जब आपने बी.टेक की फील्ड का चयन कर लिया है, तो अगला सबसे महत्वपूर्ण कदम अपनी डिग्री के लिए सही यूनिवर्सिटी या कॉलेज चुनना है। हालाँकि, बी.टेक. के लिए सही कॉलेज का चयन करते समय यह फील्ड थोड़ी चुनौतीपूर्ण लग सकती है क्योंकि विकल्प असंख्य हैं। सही विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन शिक्षा आपके भविष्य को कई मायनों में बदल सकती है। कॉलेज फीस के अतिरिक्त विश्वविद्यालय परिसर, स्थान, रैंकिंग अध्ययन परिवेश तक, कई अलग-अलग चीजों का ध्यान रखना काफी आवश्यक हैं। बतौर एक विद्यार्थी के तौर पर यूनिवर्सिटी का चुनाव करते समय आप कुछ जरूरी बातों का जरूर ध्यान रखें। आइए जानते हैं इस बारे में एलपीयू के वाइस प्रेसिडेंट अमन मित्तल से….

रैकिंग और एकरीडेशन
कॉलेज या यूनिवर्सिटी को शॉर्टलिस्ट करते समय सबसे पहले देखें कि वह यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्ता है या नहीं। यूजीसी से मान्यता प्राप्त बी.टेक इंजीनियरिंग और तकनीकी कॉलेज की डिग्री हमेशा अधिक मूल्यवान होगी और आपको भविष्य में प्रतिष्ठित कंपनियों से बेहतर नौकरी के ऑफर हासिल होगे। इसके साथ ही आप उनकी डंडिया, वर्ल्ड स्तर पर रैकिंग और इंजीनियरिंग क्षेत्र में उस यूनिवर्सिटी या कॉलेज का स्थान देख सकते है। यह आपको उनकी वेबसाइड पर मिल जाएगा।

इंडस्ट्री आधारित कार्यक्रम
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हो रहे लगातार बदलाव के चलते यूनिवर्सिटी भी अपना सिलेबस इंडस्ट्री के अनुसार तैया…
[4:13 pm, 26/09/2024] nnaila5431: महिला टीम पुरुष टीम से विश्व कप जीतने की प्रेरणा लेगी : दीप्ति शर्मा

नई दिल्ली, 26 सितंबर (वेब वार्ता)। ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा का मानना है कि भारतीय टीम पर पहला विश्व कप जीतने का दबाव नहीं होगा बल्कि वे तो पुरूष टीम से विश्व कप जीतने की प्रेरणा लेंगी।

दीप्ति ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से बात करते हुए कहा, “किसी भी खिलाड़ी के लिए विश्व कप एक बड़ा टूर्नामेंट है और निश्चित रूप से दबाव होगा, लेकिन व्यक्तिगत रूप से पुरुष टीम की विश्व कप जीत से मैं बहुत प्रेरित हूं। हमने पिछले कुछ सीरीज़ और टूर्नामेंट में अच्छा काम किया है और हम यहां भी अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे। मैं इसे दबाव नहीं कहूंगी।”

भारत 2020 के टी 20 विश्व कप में उपविजेता था, जबकि 2005 और 2017 के वनडे विश्व कप के फ़ाइनल में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि दीप्ति का मानना है कि 2017 के विश्व कप से भारतीय महिला क्रिकेट की प्रगति पर बड़ा प्रभाव पड़ा। उस समय दीप्ति सिर्फ़ 19 साल की थीं और उनके नाम 30 वनडे और तीन टी20 मैच थे।

दीप्ति ने कहा, “2017 के विश्व कप में हम जिस तरह से खेले, अचानक से बहुत कुछ बदल गया। व्यक्तिगत रूप से मुझे पहचाना जाने लगा। ऐसे किसी मॉल में जाना या पैदल टहलना मुश्किल हो गया। अगर हम विश्व कप जीतते तो चीज़ें और भी बदलती। तब हर लड़की क्रिकेट खेलना चाहती। हालांकि इस बार हम सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद कर रहे हैं।”

दीप्ति ने हाल ही में महिला हंड्रेड प्रतियोगिता में लंदन स्पिरिट की तरफ़ से खेलते हुए छह परियों में पांच बार नाबाद रहते हुए 132.50 के स्ट्राइक रेट से 212 रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने 6.85 की इकॉनमी रेट से आठ विकेट भी लिए। इससे पहले इस साल के डब्लूपीएल में उन्होंने 136.57 की स्ट्राइक रेट से 295 रन बनाए, जबकि 7.23 की इकॉनमी से 10 विकेट भी लिए। अब उनका अगला पड़ाव विश्व कप है।

“किसी भी खिलाड़ी के लिए विश्व कप एक बड़ा टूर्नामेंट है और निश्चित रूप से दबाव होगा, लेकिन व्यक्तिगत रूप से पुरुष टीम की विश्व कप जीत से मैं बहुत प्रेरित हूं।”

दीप्ति ने कहा, “विश्व कप आपको बहुत आत्मविश्वास देता है कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकते हैं। जब हम बेंगलुरु में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेल रहे थे, तब हमारे पास कई क्रिकेट खेलने वाली लड़कियां ऑटोग्राफ़ और सेल्फ़ी के लिए आईं। तब हमने उनसे कहा, “उम्मीद नहीं खोएं और परिणाम की चिंता किए बिना अपना सर्वश्रेष्ठ दें।’”

एशिया कप के फ़ाइनल में भले ही उन्हें श्रीलंका के ख़िलाफ़ हार का सामना करना पड़ा, लेकिन दीप्ति को विश्वास है कि विश्व कप में उनकी अच्छी शुरुआत होगी।

दीप्ति ने कहा, “एक टीम के रूप में हम बहुत सकारात्मक हैं, हम बहुत अच्छा कर रहे हैं। हमारे लिए हर एक मैच महत्वपूर्ण है।”

सियासी मियार की रीपोर्ट