ब्रिक्स की सैन्य संगठन बनने की कोई योजना नहीं: रूस…
मास्को, 13 अक्टूबर ।
रूस ने कहा है कि ब्रिक्स कभी भी सैन्य संगठन नहीं रहा है और न ही बनने की योजना बना रहा है, भले ही इसके विपरीत कोई आरोप क्यों न लगाया गया हो।
रूसी विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा, “ब्रिक्स सैन्य संगठन नहीं है, कभी नहीं रहा है और न ही बनने जा रहा है। ब्रिक्स एक अंतरराष्ट्रीय संगठन या एकीकरण संरचना भी नहीं है, बल्कि समान विचार वाले सदस्यों वाला एक बहुराष्ट्रीय संगठन है।”
द टाइम्स में सितंबर में प्रकाशित एक लेख (जिसमें सुझाव दिया गया था कि ब्रिक्स के विस्तार से “नाटो को चिंतित होना चाहिए।”) पर टिप्पणी करते हुए मंत्रालय ने कहा कि ब्रिक्स एक बहु-विषयक रणनीतिक साझेदारी है, जो तीन स्तंभों (राजनीति और सुरक्षा, अर्थशास्त्र एवं वित्त और संस्कृति एवं मानवीय संबंध) पर टिकी हुई है।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “ब्रिक्स भागीदारों के बीच संबंध समानता, आपसी सम्मान, खुलेपन, व्यावहारिकता, एकजुटता और सबसे महत्वपूर्ण बात किसी के विरोध न करने पर आधारित हैं।” मंत्रालय ने कहा कि ब्रिक्स का एक मुख्य उद्देश्य निष्पक्ष और बहुपक्षीय विश्व आर्थिक प्रणाली बनाना है। इसके साथ ही मंत्रालय ने कहा कि अपनी स्थापना के बाद से ही इस ब्लॉक ने अंतरराष्ट्रीय कानून और सभी देशों की संप्रभुता के सम्मान के आधार पर अंतरराष्ट्रीय विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किया है। मंत्रालय ने कहा कि ब्रिक्स का विस्तार विश्व अर्थव्यवस्था में बदलावों को दर्शाता है और अंतरराष्ट्रीय मामलों में विकासशील राज्यों की भूमिका को मजबूत करने में योगदान देता है।
ब्रिक्स एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 2006 में की गई थी। रूस ने 01 जनवरी, 2024 को ब्रिक्स की अध्यक्षता संभाली। इस वर्ष की शुरुआत रूस, ब्राज़ील, भारत, चीन और दक्षिण अफ़्रीका के अलावा अब इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब शामिल हैं। रूस की ब्रिक्स अध्यक्षता निष्पक्ष वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मज़बूत करने पर केंद्रित है। अपनी अध्यक्षता के हिस्से के रूप में रूस 200 से अधिक राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
सियासी मियार की रीपोर्ट