आपराधिक घटना पर सियासत करना कुछ लोगों की आदत, बाबा सिद्दीकी के गुनहगारों को मिलनी चाहिए सजा : मुख्तार अब्बास नकवी..
नई दिल्ली,। एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। तीन में से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि तीसरा अब भी फरार है। इस मामले में सियासत गरमा गई है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि यह एक आपराधिक घटना है। निश्चित तौर से बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जो भी गुनहगार है, उसको सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। दुर्भाग्य से कुछ लोगों की इस तरह के संवेदनशील, आपराधिक घटना पर भी असंवेदनशील सियासत करने की आदत बन गई है।
मेरा मानना है कि इस तरह के संवेदनशील आपराधिक घटनाओं पर विपक्ष गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि तर्कों की कंगाली उनको कुतर्कों का मवाली जैसा बना देती है। इसलिए मुझे लगता है इस तरह की संवेदनशील घटना पर असंवेदनशील व्यवहार करना या असंवेदनशील सियासत करना कतई ठीक नहीं है। कानून अपना काम कर रहा है, लेकिन विपक्ष जिस तरह से इस मामले पर सियासत कर रहा है, वह बिल्कुल गलत है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से भाजपा को आतंकवादियों की पार्टी बताए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक बहुराष्ट्रीय प्रमाणपत्र केंद्र बन गई है, जो राष्ट्रवादियों को आतंकवादी और राष्ट्र विरोधियों को राष्ट्रवादी करार देती है। यह तमाशा उनकी हताशा से पैदा होता है। वे देश के मूड को समझने में विफल रहते हैं और अपनी बंजर राजनीतिक जमीन के बावजूद अब भी अराजकता का खंजर चलाते हैं, जो उनके पतन का कारण बनता है।
कांग्रेस की ओर से आरएसएस पर हिन्दू समाज को बांटने के आरोप पर उन्होंने कहा कि उन्होंने सरसंघचालक के संबोधन को नहीं सुना। सरसंघचालक ने जो कहा वह देश की एकता, देश की संस्कृति, देश में समरसता और समावेशी सोच और राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर कहा है। कांग्रेस पार्टी की दिक्कत यह है कि वह अज्ञानता से भरपूर ज्ञान परोसने की कोशिश करती है। कांग्रेस पार्टी का व्यवहार देश हित में नहीं बल्कि राष्ट्र के विरोध में होता जा रहा है।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की वजह भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बताया है। इस पर नकवी ने कहा कि एक बात फिर साबित हो गई है कि उनके आंगन का संकट उनके अखाड़े का कंटक बन गया है। उनका हर नेता अपनी महत्वाकांक्षी सोच के साथ और अपने अलग एजेंडे के साथ घूम रहा हो तो इसी तरह के नतीजे सामने आएंगे। कांग्रेस पार्टी को अहंकार छोड़कर आत्ममंथन करना चाहिए। उनके आंगन में पूरी तरह से सिर फुटव्वल चल रहा है। ऐसे में उनकी हार तो पहले से तय थी। जनता कांग्रेस को पूरी तरह से खारिज कर चुकी है।
सियासी मियार की रीपोर्ट