यह नया भारत, घर में घुसकर मारेगा : शेखावत..

जोधपुर, 03 मई केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दो टूक कहा है कि भारत अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम, समर्थ, सशक्त और स्वतंत्र है और यह नया भारत है जो घर में घुसकर मारेगा।
श्री शेखावत शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में पहलगाम आतंकवादी हमले और उसके बाद पाकिस्तान में भय के माहौल से जुड़े सवाल पर यह बात कहते हुए कहा कि पहलगाम की घटना का माकूल जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भय होना भी चाहिए। गोस्वामी तुलसीदासजी ने रामचरितमानस में लिखा है, ‘भय बिनु होई न प्रीत’। उन्हें लगता है कि जब भारत ने उरी और पुलवामा के बाद सर्जिकल स्ट्राइक कर संदेश दिया था कि भारत की भूमि और बाहर से हमारे विरुद्ध चलने वाली गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, उसके बाद पिछले पांच-छह साल से कोई बड़ी आतंकवादी घटना नहीं हो पाई थी। अब फड़फड़ाते हुए एक बार फिर ऐसी कायराना हरकत की गई है।
उन्होंने कहा कि यह नया भारत है। घर में घुसकर मारेगा। पहलगाम की घटना का माकूल जवाब दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बात का खुले में इजहार कर चुके हैं।
पाकिस्तान के नेताओं के गौरी-गजनवी मिसाइल और एटम बम की धमकी देने के सवाल पर श्री शेखावत ने कहा कि गौरी-गजनवी पहले भी थी। गौरी-गजनवी तो भारत में आकर अनेक बार चोट खाकर गए थे। जब हमने एयर स्ट्राइक की थी, तब भी गौरी-गजनवी मिसाइल थी। उन्होंने कहा कि आज से हजार साल पहले भी हमारे पूर्वजों ने इनको ठीक सबक सिखाया था। एक बार फिर गौरी-गजनवी को हमारी अग्नि और ब्रह्मोस प्रतिकूल जवाब देंगी।
उन्होंने कहा “दुनिया के देश, जिन्होंने आतंकवाद का दर्द और दंश झेला है, इस समय भारत के साथ में खड़े हैं। विश्व इस बात को स्वीकार कर रहा है कि आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान में पालित पोषित और सिंचित हो रही हैं। अमेरिका ही नहीं, दुनिया के सभी देश पूरी ताकत के साथ भारत के साथ खड़े हैं, लेकिन मैं यह कहूंगा कि कोई खड़ा हो या न हो, भारत अपने हितों की रक्षा करने में सक्षम भी है, समर्थ भी है, सशक्त भी है और स्वतंत्र भी है।”
सिंधु जल संधि निलंबित करने के सवाल पर श्री शेखावत ने कहा कि पिछले सभी युद्धों के समय भी हमने सिंधु जल संधि की पवित्रता पर आंच नहीं आने दी थी लेकिन प्रधानमंत्री का स्पष्ट कहना है कि अब समय आ गया है, जब रक्त और पानी, दोनों साथ नहीं बहेंगे। आजादी के 75 साल बाद हमको इस पर भी विचार करने की आवश्यकता है कि किस दबाव में, क्यों भारत के हितों के साथ, भारत के किसानों के हितों के साथ, भारत के लोगों के हितों के साथ समझौता करते हुए इस संधि को किया गया था। उन्होंने कहा कि संधि निलंबित होने से पाकिस्तान में बौखलाहट स्वाभाविक है। अब यह घबराहट बनी रहेगी। सिंधु का जल राजस्थान तक लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह मानते है कि यही भारत के हित में होगा। हालांकि इस पर जल्दबाजी न तो आवश्यकता है और न ही उसका समय है।
जाति जनगणना और महिला आरक्षण के सवाल पर श्री शेखावत ने कहा कि आजादी के बाद जिस तरह से देश में परिवर्तन हुआ, देश विकसित हुआ, निश्चित रूप से इस समय में एक नए सिरे से समीक्षा करने की आवश्यकता थी। उन्होंने कहा “इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए, जो गरीब के कल्याण के लिए होगा, वंचितों के कल्याण के लिए होगा, जो पीछे रह गए हैं, अंत्योदय की भावना के अनुरूप उन सबको बराबरी तक लाने का अवसर प्रदान करने वाला होगा, मैं प्रधानमंत्रीजी के इस निर्णय का हृदयपूर्वक स्वागत करता हूं।”
ओटीटी और सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट परोसने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रत्यक्ष रूप से सूचना प्रसारण मंत्रालय का विषय है। देश ने इसके ऊपर अपनी चिंता व्यक्त की है। जिम्मेदार लोगों को निश्चित रूप से इस पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने कहा कि विश्व में सभी जगह प्रेस और जर्नलिज्म का अपना बड़ा योगदान है। भारत की आजादी के समय और बाद में देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को परिपक्व बनाए रखने में, लोकतंत्र को सही मार्ग पर रखने में जितनी बड़ी भूमिका न्यायपालिका ने अदा की है, उतनी ही बड़ी भूमिका मीडिया की भी है। अब दुनिया का परिदृश्य बदल रहा है। सोशल मीडिया से एक नया मीडिया वर्टिकल खड़ा हुआ है। अनेक बार हमने अनुभव किया कि सोशल मीडिया की न्यूज का प्रवाह फॉर्मल मीडिया भी कहीं न कहीं बहता और दबाव में आता हुआ नजर आया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मीडिया की पवित्रता बनाए रखने का उत्तरदायित्व और अधिक बढ़ जाता है। उन्होंने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं भी दी।
सियासी मियार की रीपोर्ट