वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन के पहले 30 एमओयू पर हस्ताक्षर….
गांधीनगर, 03 जनवरी। अगले सप्ताह शुरू होने वाले ‘दसवें वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन’ के सिलसिले में निवेश के 30 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर सोमवार को हस्ताक्षर किए गए।
जिन एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए उनमें देश की पहली लिथियम रिफाइनरी की स्थापना और नैनो उपग्रहों के लिए शोध केंद्र का गठन भी शामिल है। इसके अलावा शोध एवं प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए शैक्षणिक संस्थानों ने भी कुछ एमओयू किए हैं।
गुजरात में निवेश आकर्षित करने के मकसद से आयोजित किए जाने वाले इस सम्मेलन के क्रम में राज्य सरकार पिछले डेढ़ महीने से हर सोमवार को इच्छुक कंपनियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इसी क्रम में सोमवार को भी छठा एमओयू कार्यक्रम संपन्न हुआ। अभी तक कुल 135 एमओयू किए जा चुके हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) राजीव कुमार गुप्ता ने राज्य सरकार की तरफ से इन एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
अधिकारियों ने बताया कि मणिकरण लिथियम प्राइवेट लिमिटेड ने राज्य में उच्च शुद्धता वाली बैटरी श्रेणी के लिथियम के उत्पादन के लिए एक संयंत्र लगाने का करार किया है। इसी तरह आईजी ड्रोंस ने भी अहमदाबाद में नैनो उपग्रहों के लिए एक शोध केंद्र बनाने का समझौता किया है। स्टार डिफेंस लॉजिस्टिक्स एंड इंजीनियरिंग ने भी अहमदाबाद में बुलेट-प्रूफ जैकेट, पिस्टल एवं टैंकों के उत्पादन का एक संयंत्र लगाने का प्रस्ताव रखा है।
राजधानी गांधीनगर में 10-12 जनवरी को होने वाले वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 जनवरी को करेंगे। इसमें देश-विदेश के कई प्रमुख उद्योगपतियों के शामिल होने की संभावना है।
सियासी मीयर समाचार की रिपोर्ट