सर्द हवाओं और ठिठुरन से कांपा बनारस, हल्की धूप, गलन भारी….
–गर्म कपड़ों,रूम हीटर,गीजर की बढ़ी मांग,शाम ढ़लते ही बाजारों में चहल-पहल कम,मौसम जनित बीमारियां बढ़ी
वाराणसी, 19 जनवरी । पिछले तीन-चार दिनों से गलन भरी सर्द हवाओं से धर्म नगरी काशी में जीवन की रफ्तार ठहर सी गई है।
कोहरे और धुंध भरी बुधवार की सुबह भी ऐसी ही रही। पूर्वाह्न बाद भगवान सूर्य उदय जरूर हुए लेकिन उनकी हल्की रश्मियों पर गलन भारी रही।
सर्द हवाओं और गलन से ठिठुरे शहर में आवागमन की रफ्तार भी अपेक्षाकृत धीमी रही। सर्द पछुआ हवाओं ने दो पहिया वाहन चालकों को जमकर छकाया। दोपहर 12 बजे तक वाराणसी का अधिकतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 08 डिग्री सेल्सियस रहा। दृष्यता एक फीसद, नमी 72 फीसद और हवा की रफ्तार 06 किमी प्रतिघंटा रही। बीते मंगलवार को न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा।
बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक के अनुसार ऐसा मौसम अभी 21 जनवरी तक बने रहने की संभावना हैं। ठंड बढ़ने के साथ ही कोहरा भी छाया रहेगा। पहाड़ों पर वर्फबारी अधिक हो रही है। इसका असर मैदानी भागों में भी व्याप्त है। दिन में हल्की धूप जरूर हो रही है लेकिन हवा में नमी अधिक होने की वजह से उसका कोई असर नहीं है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से पूर्वांचल में गलन और कोहरे के साथ हल्के बादलों का दौर बना हुआ है।
मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों में दिख रहा है समूचे उत्तर भारत सहित पूर्वांचल में कोहरा छाया है। मौसम के तेवर को देख शहर में गर्म कपड़ों की खरीदारी बढ़ गई हैं। लोग जैकेट, मफलर, दस्ताना, हाथों में पहनने के लिए ऊनी ग्लब्स, इनर वस्त्र, रूम हीटर, गीजर आदि खरीद रहे हैं। घरों में और सार्वजनिक जगहों पर अलाव का सहारा लेकर लोग गलन से जूझ रहे हैं। ठिठुरन भरे मौसम में मौसमी बीमारियों (सर्दी, तेज खांसी, जुकाम, बुखार) के साथ ही सांस और हृदय रोगियों की परेशानी बढ़ गई है। बच्चों की सेहत को लेकर भी सतर्क् है। अस्पतालों के ओपीडी में इन दिनों हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर बढ़ने, कम होने के साथ ही चलते-चलते हांफने, सांस लेने में तकलीफ, मधुमेह वाले मरीज अधिक आ रहे हैं। इसके अलावा सर्दी से पेट दर्द, उल्टी, दस्त, बुखार की समस्या वाले मरीज भी बढ़ गये हैं।
सियासी मियार की रपोर्ट