महिला सशक्तिकरण पर सरकार का पूरा ध्यानः राष्ट्रपति…
नई दिल्ली, 31 जनवरी राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने महिला सशक्तिकरण के लिये केंद्र सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार ने तीन तलाक को कानूनन अपराध घोषित कर समाज को इस कुप्रथा से मुक्त करने की शुरुआत की है।
इसके साथ ही लैंगिक समानता के लिए सरकार ने लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर लड़कों के समान 21 वर्ष करने का विधेयक भी संसद में प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
संसद के केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार ने मुस्लिम महिलाओं पर केवल मेहरम के साथ ही हज यात्रा करने जैसे प्रतिबंधों को भी हटाया गया है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के लिए नये अवसर के द्वार खोलने के लिए सरकार की जमकर सराहना की। कोविन्द ने कहा कि सरकार के नीतिगत निर्णय और प्रोत्साहन से, विभिन्न पुलिस बलों में महिला पुलिस-कर्मियों की संख्या में, 2014 के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मौजूदा सभी 33 सैनिक स्कूलों ने बालिकाओं को प्रवेश देना शुरू कर दिया है। सरकार ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में भी महिला कैडेट्स के प्रवेश को मंजूरी दी है। महिला कैडेट्स का पहला बैच एनडीए में जून 2022 में प्रवेश करेगा।
कोविन्द ने कहा कि सरकार के नीतिगत निर्णय और प्रोत्साहन से विभिन्न पुलिस बलों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में 2014 के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है।
राष्ट्रपति ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण और विस्तृत होती जा रही है। वर्ष 2021-22 में 28 लाख स्व-सहायता समूह को बैंकों की तरफ से 65 हजार करोड़ रुपए की मदद दी गई है। यह राशि 2014-15 की तुलना में 4 गुना अधिक है।
सियासी मियार की रिपोर्ट