लोकायुक्त ने केरल की उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ याचिका खारिज की…
तिरुवनंतपुरम, 04 फरवरी। केरल में वाम नेतृत्व वाली सरकार को राहत देते हुए लोकायुक्त ने शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीतला की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में गोपीनाथ रवींद्रन की फिर से नियुक्ति के मामले में राज्य की शिक्षा मंत्री आर बिंदु पर अपने मंत्री पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था।
लोकायुक्त न्यायमूर्ति सिरिएक जोसेफ और उप-लोकायुक्त हारुन-उल-रशीद ने एक आदेश में कहा कि यह आरोप लगाया गया था कि मंत्री ने ‘‘पक्षपात, भाई-भतीजावाद किया और वह ईमानदारी की कमी’’ की दोषी हैं, लेकिन आरोप प्रमाणित करने के लिए कोई सामग्री नहीं थी।
आदेश में यह भी कहा गया कि ऐसा कोई आरोप नहीं है कि मंत्री के रूप में अपने कार्यों के निर्वहन में उन्होंने निजी हित या अनुचित अथवा भ्रष्ट उद्देश्यों से कार्य किया हो।
आदेश में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने पुन: नियुक्ति की प्रक्रिया में ‘‘द्रुत गति’’ की ओर इशारा किया, जिसकी वजह से 23 नवंबर को पुनर्नियुक्ति की प्रक्रिया के लिए चीजें एक ही दिन में आगे बढ़ीं। आदेश के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि इसका आभास देर से हुआ और समय समाप्त हो रहा था इसलिए प्रक्रिया में तेजी की आवश्यकता थी।
आदेश में कहा गया है कि कुलाधिपति के सहयोग से शासन की इच्छानुसार पुनर्नियुक्ति की गयी। लेकिन मंत्री के रूप में उनके पद का कोई दुरुपयोग नहीं हुआ है। आदेश के अनुसार, ‘‘उपरोक्त चर्चा के आलोक में हम मानते हैं कि तीसरे प्रतिवादी (बिंदु) के खिलाफ लगाए गए आरोपों के लिए कोई कानूनी या तथ्यात्मक आधार नहीं है और केरल लोकायुक्त अधिनियम 15 की धारा नौ के तहत इस न्यायालय द्वारा उनकी जांच की आवश्यकता नहीं है। इसलिए, शिकायत खारिज की जाती है।’’
कन्नूर वीसी की फिर से नियुक्ति को लेकर आरोपों के मद्देनजर विपक्षी कांग्रेस-यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) कुछ समय से मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही है।
सियासी मियार की रिपोर्ट