अफगानिस्तान में हवाई अड्डे पर हुए आत्मघाती हमले को रोका नहीं जा सकता था: पेंटागन…
वाशिंगटन, 05 फरवरी । अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के दौरान हुए हमले की सैन्य जांच के बाद निष्कर्ष निकला है कि हमले को 20 पाउंड विस्फोटक लिये हुए आत्मघाती हमलावर ने अकेले अंजाम दिया था और इस हमले में 170 अफगान नागरिकों और अमेरिका के 13 सैनिकों की मौत को रोका नहीं जा सकता था।
यह विस्फोट 26 अगस्त को काबुल हवाई अड्डे के ‘एबे गेट’ के बाहर हुआ था, जिसमें अमेरिका के 11 नौसैनिक, एक नाविक और एक सैनिक की मौत हो गई थी, जो अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद देश से निकलने की कोशिश कर रहे हजारों अफगान नागरिकों की जांच कर रहे थे। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी।
पेंटागन में शुक्रवार को सैन्य अधिकारियों ने ग्राफिक्स के जरिये बम हमले की मिनट-दर-मिनट की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमले में जान गंवाने वालों के घाव ”इतने जानलेवा” थे कि उन्हें बचाया नहीं जा सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआत में लगा था कि हमले में गोलीबारी की गई, लेकिन यह बात सही नहीं निकली।
अमेरिकी सेंट्रल कमान के प्रमुख जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा, ”एबे गेट पर हुए हमले को एक विस्फोटक उपकरण के जरिये अंजाम दिया था, जिसमें 170 अफगान नागरिकों और 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई थी।”
उन्होंने कहा कि इस उपकरण की घातकता का अंदाजा इस बात के लगाया जा सकता है कि बेहतरीन बम रोधी जैकेट और हेलमेट पहने होने के बावजूद अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई।
जांचकर्ताओं ने कहा कि हमलावर तालिबान और अन्य सुरक्षा चौकियों को चकमा देकर गेट के पास पहुंचा। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि तालिबान को हमले के बारे में पता नहीं था, सुरक्षा सावधानी बरती जा रही थी और उस दिन प्रसारित होने वाले संभावित खतरों के बारे में खुफिया जानकारी स्पष्ट नहीं थी।
जांच का नेतृत्व करने वाले ब्रिगेडियर जनरल लांस कर्टिस ने कहा, ”हमारी जांच के आधार पर, सामरिक स्तर पर इसे रोका नहीं जा सकता था।”
सियासी मियार की रिपोर्ट