इज़राइली पुलिस ने पूर्वी यरुशलम में हिंसा को रोकने की कोशिश की…
यरुशलम, 14 फरवरी। इज़राइल की पुलिस ने पूर्वी यरुशलम के एक इलाके में रविवार देर रात चरम अंधराष्ट्रवादी यहूदी कार्यकर्ताओं और फलस्तीनी निवासियों के बीच हिंसा होने से रोकने की कोशिश की। यह अशांति शेख जर्राह इलाके में उपजी है। इसी इलाके में अशांति को लेकर इजराइल और गाज़ा पट्टी के सत्तारूढ़ हमास के बीच 11 दिन की लड़ाई चली थी।
शेख जर्राह और पूर्वी यरूशलम के अन्य इलाकों में रहने वाले फलस्तीनी परिवारों को क्षेत्र से फलस्तीनी जमीन पर यहूदी बस्ती बनाने वाले संगठनों की ओर से हटाए जाने का खतरा है। इसे लेकर दोनों पक्षों में तनाव रहता है और यह अकसर हिंसा में बदल जाता है।
शेख जर्राह में फलस्तीनी जमीन पर बसाए गए एक परिवार के घर को सप्ताहांत में आग लगा दी गई थी जिसके बाद यह तनाव व्याप्त हुआ। इसके बाद अंधराष्ट्रवादी सांसद इतमार बेन-गवीर ने रविवार तड़के इस जलाए गए घर के निकट एक अस्थायी कार्यालय बना लिया।
फलस्तीनी बेन-गवीर के तंबू के पास गए, वहां दोपहर में प्लास्टिक की कुर्सियां फेंकी और उनके समर्थकों के साथ हाथापाई की।
रविवार देर शाम को दंगा रोधी पुलिस ने फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें कीं। सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में दिख रहा है कि इज़राइली पुलिस कर्मी फलस्तीनी युवक को लात मार रहा है। पुलिस ने बताया कि 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
फलस्तीनी रेड क्रीसेंट ने कहा कि 14 फलस्तीनी जख्मी हुए हैं जिनमें से चार को रबड़ की गोलियां लगी हैं। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए स्टंट ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया।
कट्टरपंथी यहूदी रब्बी के अनुयायी बेन-गवीर ने इज़राइल से अरबों को निकालने का आह्वान किया है। उन्होंने पुलिस पर उनके समर्थकों के साथ बर्बरता करने का आरोप लगाया है।
बता दें कि 1967 में हुई जंग में इजराइल ने पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक व गाज़ा पट्टी के इलाके पर कब्जा कर लिया था। इज़राइल ने बाद में पूर्वी यरुशलम को अपने देश में मिला लिया था। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसे मान्यता नहीं दी है।
सियासी मीयार की रिपोर्ट