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प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ उठाना है तो सिक्किम जाएं…

प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ उठाना है तो सिक्किम जाएं…

सिक्किम भारत का एक पर्वतीय राज्य है। सिक्किम की जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम है और क्षेत्रफल गोवा के बाद न्यूनतम है। यहां का गुरुदौंगमर लेक लोगों को खासतौर पर अट्रैक्ट करता है। प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर सिक्किम के हर हिस्से की अपनी खासियत है, लेकिन टूरिस्टों को उत्तरी सिक्किम की कुछ जगहें ज्यादा ही पसंद आती हैं। इनमें गुरुदौंगमर लेक और सर्व धर्म स्थल मुख्य हैं।

गुरुदौंगमर लेक

इसे दुनियाभर में सर्वाधिक ऊंचाई वाली झीलों में से एक माना जाता है। यह लेक चारों तरफ से बर्फीले पहाड़ों की बुलंद ऊंचाइयों से घिरी हुई है। पूरे साल इसका पानी दूधिया सफेद रहता है और हिंदुओं व बौद्ध धर्म के लोगों की इसमें गहरी आस्था है।

इस रोमांचकारी यात्रा का प्रथम पड़ाव गंगटोक है, जहां से गुरुदौंगमर झील और सर्व धर्म स्थल की यात्रा लोकल ट्रांसपोर्ट द्वारा तय करनी पड़ती है। इस 210 किलोमीटर के सफर के लिए बाजरा टैक्सी स्टैंड, गंगटोक से प्राइवेट वाहन, पैकेज टूर के रूप में भी उपलब्ध हो जाते हैं। बता दें कि यह रोमांचकारी अनुभव दो रात और तीन दिन का रहता है।

इस यात्रा पर जाने के लिए गंगटोक के पुलिस हेडक्वार्टर की चेकपोस्ट ब्रांच से पर्यटकों के लिए स्पेशल सरकारी परमिट बनाए जाते हैं। टूरिस्ट पहले दिन गंगटोक से लाचेन नामक गांव पहुंचते हैं। गंगटोक से यहां आने में 7-8 घंटे लगते हैं।

कब जाएं

इस यात्रा का मजा अप्रैल से जून के बीच लिया जा सकता है। वहां की नेचरल कंडिशंस को ध्यान में रखते हुए बुजुर्गों, हार्ट पेशंट्स, सांस की तकलीफ और अस्थमा वाले रोगियों को इस जगह जाने की इजाजत नहीं दी जाती है।

कैसे पहुंचें

गंगटोक तक पहुंचने का नजदीकी हवाई अड्डा बागडोगरा है। वहां से सड़क मार्ग द्वारा गंगटोक लगभग 125 किलोमीटर है, जिसे पूरा करने में लगभग 4 घंटे लगते हैं। रेल मार्ग द्वारा गंगटोक पहुंचने के लिए सिलीगुड़ी और न्यू जलपाईगुड़ी के रेलवे स्टेशन सही रहेंगे। यहां से भी लगभग 4 घंटे में सड़क मार्ग द्वारा गंगटोक पहुंचा जा सकता है।

सियासी मियार की रिपोर्ट