वित्त मंत्री ने एविएशन, ट्रैवल एंड टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के प्रतिनिधियों से की मुलाकात
नई दिल्ली, 25 फरवरी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को ट्रैवल एंड टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी और एविएशन सेक्टर से मुलाकात की. इन तीनों सेक्टर पर कोरोना महामारी का बहुत बुरा असर हुआ है. हालांकि, इकोनॉमिक रिकवरी से विकास पटरी पर धीरे-धीरे लौट रही है. वित्त मंत्री ने यात्रा, पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उनके साथ लोन संबंधी मुद्दों पर चर्चा की. बैठक में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुख भी शामिल हुए. इन्हें सस्ते लोन देने पर विचार किया जा रहा है. एविएशन सेक्टर अब पूरी क्षमता से कामकाज को तैयार है. हालांकि, इसके सामने महंगे तेल की विकराल समस्या है. वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, “वित्त मंत्री के साथ बैठक में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड, वित्त सचिव, वित्तीय सेवाओं के सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव और राजस्व सचिव के साथ ही पीएसबी और आईबीए के प्रमुखों तथा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया.” कोरोना संकट से जैसे-जैसे इकोनॉमी पटरी पर लौट रही है , होटल एंड टूरिज्म सेक्टर में तेजी देखी जा रही है. ऐसे में अब सरकार मदद को सामने आई है. इस हाई लेवल बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि कैसे ट्रैवल एंड टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को आसान शर्तों पर कर्ज मुहैया कराया जा सके. गौरतलब है कि आम बजट 2022-23 में आतिथ्य और संबंधित सेवा क्षेत्र का समर्थन करने के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव किया गया है. वित्त मंत्री ने आम बजट में ईसीएलजीएस योजना को मार्च 2023 तक बढ़ाने और गारंटी कवर को 50,000 रुपए बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपए तक करने का प्रस्ताव रखा था. आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के तहत मई 2020 में घोषित इस योजना का मकसद महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को राहत देना था. एविएशन सेक्टर भी कोरोना से बुरी तरह प्रभावित है. उसका संचालन तो हो रहा है लेकिन वे अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. मार्च से एविएशन सेक्टर अपनी पूरी क्षमता के साथ कामकाज शुरू करेगा. मार्च महीने में सरकार पूर समर शेड्यूल जारी करने जा रही है. ऐसे में इस सेक्टर को सरकार से राहत की उम्मीद है. इस सेक्टर का कहना है कि कोरोना के कारण जो इसका नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कैसे होगी. इसी समस्या का समाधान करने के लिए बैंक प्रतिनिधियों के साथ वित्त मंत्री ने इस सेक्टर के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर बैठक की है.
सियासी मियार की रिपोर्ट