रूस ने यूक्रेन के पश्चिम में सैन्य क्षेत्र को निशाना बनाया…
ल्वीव (यूक्रेन), 13 मार्च। रूसी बलों ने पोलैंड के साथ लगती सीमा के निकट अपने आक्रमण को विस्तार देते हुए पश्चिमी यूक्रेन में ल्वीव के निकट स्थित सैन्य क्षेत्र पर हवाई हमले किए।
ल्वीव क्षेत्रीय प्रशासन ने बताया कि रूसी सेना ने रविवार सुबह ल्वीव के 30 किलोमीटर पश्चिमोत्तर में यारोवीव सैन्य क्षेत्र पर आठ रॉकेट दागे। प्रशासन ने इस दौरान हताहत हुए लोगों की संख्या नहीं बताई।
‘यारोवीव अंतरराष्ट्रीय शांतिरक्षा एवं सुरक्षा केंद्र’ के नाम से जाना जाने वाला यारोवीव सैन्य क्षेत्र यूक्रेन एवं पोलैंड की सीमा से 35 किलोमीटर दूर स्थित है।
अमेरिका 2015 से यूक्रेन की सेना को प्रशिक्षण देने के लिए यारोवीव सैन्य क्षेत्र में प्रशिक्षकों को नियमित रूप से भेजता रहा है। इस क्षेत्र में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) बलों ने भी सैन्य अभ्यास किया है।
यूक्रेनी जनरल स्टाफ ने बताया कि रूसी सेना ने लुत्स्क और इवानो-फ्रैंकिवस्क के पश्चिमी शहरों में दो हवाई क्षेत्रों पर शुक्रवार को गोलाबारी की और टीयू -95एमएस बमवर्षकों से 10 से अधिक क्रूज मिसाइल दागीं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शनिवार को कहा कि रूस उनके देश को तोड़ने के लिए यूक्रेन में नया ‘‘छद्म गणराज्य’’ बनाने की कोशिश कर रहा है।
जेलेंस्की ने शनिवार रात को देश के नाम अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने खेरसन सहित यूक्रेन के क्षेत्रों से अपील की कि वे दोनेत्स्क और लुहांस्क में जो हुआ, उसे दोबारा होने नहीं दें। खेरसन पर रूसी बलों ने कब्जा कर लिया है। रूस समर्थक अलगाववादियों ने 2014 में पूर्वी क्षेत्रों दोनेत्स्क और लुहांस्क में यूक्रेनी सेना से लड़ाई शुरू की थी।
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा,‘‘ खेरसन क्षेत्र पर कब्जा करने वाले छद्म गणराज्य का गठन करके हमें वही दुखद अनुभव कराने की कोशिश कर रहे हैं। वे स्थानीय नेताओं को ब्लैकमेल कर रहे हैं, दबाव बना रहे हैं…।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यूक्रेन इस परीक्षा में उत्तीर्ण होगा। हमें उस युद्ध मशीन को तोड़ने के लिए वक्त और ताकत चाहिए जो हमारी भूमि में घुस आई हैं।’’
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जाहोनी, हंगरी-हंगरी में शरणार्थी के रूप में लगभग तीन सप्ताह बिताने के बाद क्लारा उलिगानिच यूक्रेन लौट रही हैं। उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन के पश्चिमी शहर उझहोरोड स्थित अपने घर लौटेंगी।
हंगरी के सीमावर्ती शहर जाहोनी में एक रेलवे स्टेशन पर इंतजार कर रहीं उलिगानिच ने कहा, ‘‘मेरे लिए भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है। मैं वहां पैदा हुई। वह मेरा घर है।’’
उन्होंने कहा कि उनका परिवार नहीं चाहता था कि वह लौटकर आएं,लेकिन वह ऐसा करने के लिए कृत संकल्प थीं।
करीब एक करोड़ लोगों की आबादी वाले देश हंगरी में शनिवार तक करीब 2,35,000 शरणार्थी पहुंच चुके हैं। हंगरी में पोलैंड के बाद सर्वाधिक संख्या में शरणार्थी पहुंचे हैं। पोलैंड में यूक्रेन से 15 लाख शरणार्थी पहुंचे हैं।
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कीव, यूक्रेन-शरणार्थियों के काफिले पर रूसी गोलाबारी में एक बच्चे सहित यूक्रेन के सात लोगों की मौत हो गयी। हमले के बाद यह काफिला वापस लौटने के लिए मजबूर हो गया। क्रेन के रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
एक खबर के अनुसार, ये सात लोग राजधानी कीव के उत्तर पूर्व में 20 किलोमीटर दूर पेरेमोहा गांव से जान बचा कर भाग रहे सैंकडों लोगों के काफिले में शामिल थे। इस गोलाबारी में लोग घायल भी हुए हैं।
रूस ने कहा है कि वह संघर्ष क्षेत्रों के बाहर मानवीय गलियारा बनाएगा, लेकिन यूक्रेनी अधिकारियों ने रूस पर उन मार्गों को बाधित करने और आम नागरिकों पर गोलियां चलाने का आरोप लगाया है।
यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेशचुक ने शनिवार को कहा कि ऐसे 14 गलियारों पर सहमति बनी थी लेकिन शनिवार को केवल नौ गलियारे खोले गए और इनके जरिए देश भर से 13 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, देश पर 17 दिन पहले हुए रूसी आक्रमण के बाद से अब तक कम से कम 25 लाख लोग यूक्रेन छोड़कर जा चुके हैं।
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वारसॉ, पोलैंड-यूक्रेन की यूलिया कालाचेमकोव वारसॉ में अपने बच्चों के साथ एक शरणार्थी शिविर में रह रही है। कालाचेमकोव उन लोगों में शामिल हैं, जो यूक्रेन में युद्ध के बाद देश छोड़कर गए हैं।
कालाचेमकोव की छोटी बेटी को मिर्गी के दौरे पड़ने की शिकायत है और उसका 11 वर्षीय बेटा निकिता ऑटिस्टिक (संवाद करने की क्षमता को प्रभावित करने वाला विकार) है। उसका हाल में पैर का ऑपरेशन हुआ था। कालाचेमकोव ने कहा कि स्वदेश छोड़कर पोलैंड की राजधानी जाना उनके लिए बहुत संघर्षपूर्ण था।
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यूक्रेन के पूर्व पेशेवर टेनिस खिलाड़ी सर्गेई स्ताखोवस्की अपनी पत्नी और तीन छोटे बच्चों को हंगरी में घर पर छोड़कर रूस के हमले के दौरान यू्क्रेन की मदद के लिए अपने जन्मस्थल लौटे।
स्ताखोवस्की ने ‘एपी’ के साथ एक वीडियो साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने कभी यह नहीं सोचा था कि उन्हें अपने हाथ में बंदूक लेकर अपने घर लौटना पड़ेगा।
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मेदिका, पोलैंड-यूक्रेन से करीब 60 कैंसर पीड़ित बच्चे वारसॉ और अन्य स्थानों पर अस्पताल में जाने के लिए शनिवार को पोलैंड के शहर से एक चिकित्सकीय ट्रेन में सवार हुए।
वारसॉ अस्पताल के चिकित्सक डोमिनिक दासजुता ने कहा, ‘‘इनमें से कुछ बच्चों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी, कुछ को गहन चिकित्सा देखभाल की जरूरत होगी और कुछ बच्चे कारोना वायरस से संक्रमित हैं तथा उन्हें अन्य बच्चों से अलग रखना होगा।
सियासी मीयार की रिपोर्ट