एनआईए कोर्ट का आदेश- यासीन मलिक, हाफिज सईद और सैयद सलाहुद्दीन पर यूएपीए के तहत केस दर्ज हो…
नई दिल्ली, 19 मार्च। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक सहित कश्मीरी अलगाववादी नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई है। लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक सहित कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है। हाफिज को 2008 में मुंबई आतंकी हमले के लिए मास्टरमाइंड माना जाता है।
एनआईए कोर्ट द्वारा जारी आदेश के अनुसार, आतंकी फंडिंग के लिए पैसा पाकिस्तान और उसकी एजेंसियों की ओर से भेजा गया था और यहां तक कि, राजनयिक मिशन का इस्तेमाल गलत मंसूबों को पूरा करने के लिए किया गया था। एनआईए कोर्ट ने नोट किया, घोषित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हाफिज सईद द्वारा आतंकी फंडिंग के लिए पैसा भी भेजा गया था।
इस मामले में एनआईए कोर्ट ने कश्मीर के नेता व पूर्व विधायक राशिद इंजीनियर, कारोबारी जहूर अहमद शाह वटाली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहमद शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट उर्फ पीर सेफुल्लाह व कई अन्य पर भी आरोप तय करने का निर्देश दिया है। इन सभी पर यूएपीए के तहत और इसके अलावा विभिन्न धाराओं के तहत केस चलेगा।
वहीं इस मामले पर एनआईए के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 16 मार्च को पारित एक आदेश में कहा, “गवाहों, बयानों और मिले दस्तावेजी सबूतों के आधार पर यह स्पष्ट है कि, इन सभी आरोपियों ने आतंकियों व आतंकी संगठनों की वित्तीय मदद की है। इसके साथ ही इन सभी आतंकियों व पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों के साथ नजदीकी रिश्ते हैं।”
जानकारी के लिए आपको बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र की तरफ से हाफिज सईद को आतंकवादी घोषित किया गया है। अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है। सईद के नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है। लश्कर साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार है। इस आतंकी हमले में 6 अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों की जान चली गई थी, वहीं इस हादसे में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे।
सियासी मियार की रिपोर्ट