मच्छरमुक्त इमारत को ही मिलेगा कंप्लीशन सर्टिफिकेट...
नई दिल्ली, 03 अप्रैल । दिल्ली में मच्छरों से निपटने के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने अनूठा प्रयोग अपनाने की योजना बनाई है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की ओर से भवन निर्माण संबंधी नियमों में बदलाव किया गया है।
नए बदलावों में भवन के कंप्लीशन सर्टिफिकेट के लिए इमारत को पूरी तरह से मच्छरमुक्त होना चाहिए और मच्छररोधी प्रावधान भी इमारत में किए होने चाहिएं। तभी किसी भी इमारत के लिए निगम की ओर से कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से डेंगू की रोकथाम के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की है।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के आयुक्त ज्ञानेश भारती ने दिल्ली में मच्छरजनित बीमारियों के लिए एहतियात और नियंत्रण से संबंधित विशेष परामर्श जारी किया है। उन्होंने प्रजनन स्थल पर ही मच्छरों के प्रजनन को रोकने पर बल दिया है और स्पष्ट किया है कि इन बीमारियों के एहतियात और नियंत्रण के लिए प्रजनन में काफी कमी लाना ही कारगर कदम है। आयुक्त ने डीएमआरसी, दिल्ली जल बोर्ड, डीडीए, दिल्ली पुलिस, पीडब्ल्यूडी आदि के विभागाध्यक्षों से कहा कि एक नोडल अधिकारी मनोनीत किया जाए ताकि एहतियाती उपाय सुनिश्चित किये जा सकें।
निगम आयुक्त भारती ने कहा कि इस वर्ष शैक्षिक संस्थानों, स्कूलों, कॉलेज में मच्छरों के प्रजनन पर विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है क्योंकि कोरोना महामारी के चलते यह सभी संस्थान बंद थे और अब खोले जा रहे है। उन्होंने शिक्षण संस्थाओं और कार्यालयों के विभागाध्यक्षों से मच्छरों के प्रजनन पर नियंत्रण करने में सहयोग देने को कहा है। कमिश्नर ने कहा कि शैक्षिक संस्थानों में मनोनीत नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि खुले ग्राउंड, भवनों की छतों, फूलदान आदि में पानी एकत्र न हो।
साथ ही ओवर हैड टैंक को भी खाली कर उन्हें पूरी तरह से बंद कर दिया जाए। उपयोग में न आने वाले वाहनों जैसे कि स्कूल और कॉलेजों की बसों को भी ढंक दिया जाए और उन्हें किसी छत वाले स्थान पर खड़ा किया जाए ताकि उनके अंदर पानी जमा न हो सके। इसी तरह अन्य सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में डेंगू मच्छर प्रजनन रोकने के लिए जारी गाइडलान को पालन करने को कहा है। उन्होंने कहा कि आगे से किसी सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में मच्छर प्रजनन पाया गया तो भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
सियासी मियार की रिपोर्ट