मौलिक कर्तव्य लागू करने की याचिका पर आपत्ति…
नई दिल्ली, 04 अप्रैल । अटार्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने उच्चतम न्यायालय में दायर उस रिट याचिका पर आपत्ति जताई है, जिसमें मौलिक कर्तव्यों को लागू करने के निर्देश और नागरिकों को उनके कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने के लिए कदम उठाने की मांग की गई है।
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कर्तव्यों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कानून मंत्रालय ने बहुत काम किया है। याचिकाकर्ता को तथ्यों का पता लगाने के लिए पहले शोध करना चाहिए था। कर्तव्यों को लागू करने के लिए कानून बनाने का आग्रह बिल्कुल भी मान्य नहीं है, क्योंकि अदालत द्वारा संसद को कोई समादेश जारी नहीं किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति एस.के. कौल और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश की पीठ ने 21 फरवरी को याचिका पर नोटिस जारी करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा था कि क्या ‘रंगनाथ मिश्र बनाम भारत संघ और अन्य मामले में कुछ हुआ, जिसमें मौलिक कर्तव्यों के संचालन पर न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिए विचार करने और उचित कदम उठाने के लिए केंद्र को निर्देश जारी किए गए थे। पीठ ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा था कि क्या वह अपने फैसले को आगे बढ़ाने के लिए कोई कदम उठाने का प्रस्ताव रखती है। अदालत ने सरकार को आदेश दिया कि वह इस मुद्दे पर सीमित जवाब दाखिल करे। मामले में अगली सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में होगी।
सियासी मियार की रिपोर्ट