राष्ट्रपति प्रणाली थोपने की योजना बना रहे हैं इमरान : टीएलपी..
इस्लामाबाद, 07 अप्रैल। सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) की संभावित सहयोगी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने पाला पलटते हुए चेतावनी दी है कि श्री इमरान खान संविधान को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं और वह देश में राष्ट्रपति प्रणाली थोपना चाहते हैं। साथ ही उच्चतम न्यायालय से संविधान की रक्षा करने का अनुरोध किया।
टीएलपी सेंट्रल शूरा की बुधवार शाम हुयी बैठक के बाद जारी एक विज्ञप्ति में टीएलपी सुप्रीम काउंसिल के अध्यक्ष पीर जहीरुल हसन शाह ने चेतावनी दी कि एक साजिश के तहत, संविधान को रद्द करने के बाद पाकिस्तान में राष्ट्रपति प्रणाली लागू करने की योजना बनाई गई है।
द न्यूज इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि टीएलपी प्रमुख हाफिज साद रिजवी ने बैठक की अध्यक्षता की और इस दौरान उन्होंने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट संविधान को खत्म करने और राष्ट्रपति प्रणाली लागू करने की साजिश की जांच करे।
उन्होंने कहा कि टीएलपी कभी भी संविधान को खत्म करने के लिए किसी भी साजिश की अनुमति नहीं देगी, जिसे धार्मिक नेताओं और पाकिस्तान के लोगों के अतुलनीय बलिदान के परिणामस्वरूप रचा गया है। उन्होंने कहा कि संविधान इस्लामी मूल्यों की रक्षा करता है, जो धार्मिक, व्यक्तिगत और राजनीतिक स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं। इस दौरान उन्होंने संकल्प लिया कि टीएलपी संविधान के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ का जवाब उसी तरह देगी जैसे उसने सांसदों की शपथ और चुनाव प्रपत्रों में संशोधन के खिलाफ फैजाबाद में धरना दिया था।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर स्पीकर के फैसले को संविधान को खत्म करने के लिए मान्य किया जाता है, तो भविष्य में स्पीकर संविधान को रौंदकर किसी भी गैर-मुस्लिम को देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि संविधान से इस्लामी मान्यताओं को हटाने के लिए देश में राष्ट्रपति प्रणाली थोपने की साजिश के पीछे इस्लाम विरोधी लॉबी सक्रिय हैं।
शाह ने कहा कि पीटीआई, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएलएन) पाकिस्तान में चल रहे गंभीर संवैधानिक और राजनीतिक संकटों के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों के हाथ मारे गए टीएलपी सदस्यों के खून में लथपथ हैं। देश में टीएलपी और इस्लामवादियों पर अंकुश लगाने के लिए तानाशाही कदम उठाने वाले अब शरण मांगने के लिए दौड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, “लोकतांत्रिकों की आड़ में ऐसे तानाशाहों ने हमेशा टीएलपी और देश की मुस्लिम आबादी को संविधान का लाभ उठाने से रोका है। अगर संविधान का अक्षरश: पालन किया जाता, तो टीएलपी की पाकिस्तान राज्य की मांग आसानी से पूरी हो जाती।” उन्होंने कहा कि टीएलपी, पैगंबर (एसएडब्ल्यू) के सम्मान की संरक्षक पार्टी मूक दर्शक नहीं रह सकती है, खासकर जब यह संविधान के सह-लेखक इमाम शाह अहमद नूरानी सिद्दीकी और मुजाहिद-ए-मिल्लत मौलाना अब्दुल सत्तार खान नियाजी के बौद्धिक उत्तराधिकारी हैं। उन्होंने कहा,“हम न्यायपालिका से इस बात की जांच करने का आग्रह करते हैं कि क्या इमरान खान संविधान को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं।
सियासी मीयार की रिपोर्ट