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उत्तराखंड में ‘हिंदू महापंचायत’ को रोकने के लिए धारा 144 लागू, 33 लोग हिरासत में लिए गए…

उत्तराखंड में ‘हिंदू महापंचायत’ को रोकने के लिए धारा 144 लागू, 33 लोग हिरासत में लिए गए…

देहरादून, 27 अप्रैल । उत्तराखंड के रुड़की के निकट डाडा जलालपुर गांव में ‘हिंदू महापंचायत’ को रोकने के लिए धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है और कार्यक्रम से जुड़े 33 लोगों को हिरासत में लिया गया है। यह कार्यक्रम आज यानी बुधवार को होना था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। डाडा जलालपुर गांव में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली गयी शोभायात्रा पर पथराव के बाद सांप्रदायिक तनाव फैल गया था।

निषेधाज्ञा लागू करने का कदम तब उठाया गया जब एक दिन पहले मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह अदालत में सार्वजनिक रूप से यह कहें कि रुड़की में निर्धारित ‘धर्म संसद’ में कोई अप्रिय बयान नहीं दिया जाएगा और चेतावनी दी कि अगर कोई घृणा भाषण दिया जाएगा तो वह शीर्ष अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराएगा। हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट विनय शंकर पांडे ने कहा कि निषेधाज्ञा डाडा जलालपुर गांव में और उसके पांच किलोमीटर के दायरे में मंगलवार शाम लागू की गयी है,ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ‘हिंदू महापंचायत’ नहीं हो।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेन्द्र सिंह रावत ने कहा, ‘‘महापंचायत’ को रोकने के लिए कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े 33 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें काली सेना के राज्य संयोजक दिनेशानंद भारती भी शामिल हैं। इन्होंने ही आयोजन की पहल की थी और उनके छह समर्थकों को भी हिरासत में लिया गया है।’’ रावत के अनुसार, ‘‘लोगों को किसी भी कीमत पर इकट्ठा नहीं होने दिया जाएगा। जो कोई भी धारा 144 का उल्लंघन करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’ अधिकारी ने बताया कि हालात पर नजर रखने के लिए क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष दिसंबर में हरिद्वार में तीन दिवसीय ‘‘धर्म संसद’’ हुई थी जिसमें एक समुदाय के लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण दिए थे, जिनकी राष्ट्रीय स्तर पर निंदा हुई थी।

केरल में सड़क हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत

अलाप्पुझा(केरल), 27 अप्रैल (वेब वार्ता)। केरल में अलाप्पुझा जिले के पास पयालकुलंगारा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार को एक कार की एक लॉरी से टक्कर हो गई। हादसे में कार सवार 12 साल के लड़के समेत चार लोगों की मौत हो गई जबकि एक अन्य शख्स गंभीर रूप से जख्मी हो गया। पुलिस ने बताया कि तिरुवनंतपुरम के रहने वाले एक परिवार के पांच सदस्य अपने एक रिश्तेदार को छोड़ने के लिए नेदुमबस्सेरी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जा रहे थे। स्थानीय लोगों के हवाले से पुलिस ने बताया कि कार की टक्कर लॉरी से हो गई जो सामने से आ रही थी। टक्कर के प्रभाव की वजह से कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। उन्होंने बताया कि चारों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक शख्स गंभीर रूप से जख्मी हुआ है जिसे नज़दीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

स्थापना दिवस : राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका पर राजनीतिक प्रस्ताव पारित करेगी टीआरएस

हैदराबाद, 27 अप्रैल (वेब वार्ता)। सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) बुधवार को अपने 21वें स्थापना दिवस समारोह में एक राजनीतिक प्रस्ताव पारित करेगी कि पार्टी को देश के व्यापक हित के लिए राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए क्योंकि भाजपा अपनी राजनीतिक सुविधा के लिए ‘‘सांप्रदायिक भावनाओं’’ का दोहन कर रही है। टीआरएस पार्टी ने कहा कि यह हैदराबाद इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एचआईसीसी) में स्थापना दिवस के दिन भर चलने वाले समारोहों के दौरान आज अपनाए जाने वाले 13 प्रस्तावों में से एक होगा। इसमें 3,000 प्रतिनिधियों ने भाग ले रहे हैं।

बैठक में, टीआरएस भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के अलोकतांत्रिक रवैये के खिलाफ लड़ाई का आह्वान करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित करेगी, जो कथित तौर पर भारत के संविधान द्वारा प्रस्तावित संघीय मूल्यों को नष्ट कर रही है। इसके अलावा, पार्टी देश में सद्भाव की संस्कृति को बनाए रखने के लिए कट्टरता के खिलाफ लड़ने का प्रस्ताव पारित करेगी।

पार्टी की ओर से कीमतों पर नियंत्रण की मांग करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा, जिसने गरीब और मध्यम वर्ग पर एक असहनीय बोझ डाला है। पार्टी आग्रह करेगी कि विधायिका में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण विधेयक को संसद में पारित और लागू किया जाए और साथ ही केंद्र सरकार में ‘पिछड़ा जाति कल्याण मंत्रालय’ की स्थापना का आह्वान करेगी।

इसके अलावा टीआरएस एक बधाई प्रस्ताव पारित करेगी कि केंद्र द्वारा मना करने के बावजूद राज्य सरकार रबी धान की उपज खरीद रही है। साथ ही एक प्रस्ताव केंद्र से दलितबंधु योजना को पूरे देश में लागू करने की मांग को लेकर पारित किया जाएगा। इनके अलावा, टीआरएस एक प्रस्ताव पारित करेगी जिसमें केंद्र सरकार से तेलंगाना राज्य की सामाजिक परिस्थितियों के अनुसार आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने की मांग की जाएगी।

एक अन्य प्रस्ताव में केंद्र से विभाज्य पुल के भीतर कर लगाने और कृष्णा नदी के पानी में तेलंगाना के हिस्से को नदी विवाद अधिनियम की धारा-3 के तहत निर्धारित करने और मामले को ब्रजेश कुमार ट्रिब्यूनल को संदर्भित करने की मांग की जाएगी। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली पार्टी केंद्र से दक्षिणी राज्य में तुरंत नवोदय विद्यालय और मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की मांग करेगी।

इस आयोजन से 2023 के राज्य विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी बिगुल बजने की भी उम्मीद है, 2014 में सत्ता में आने के बाद से सत्ताधारी दल लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए अपनी तैयारी कर रहा है। एक स्वतंत्र तेलंगाना राज्य के गठन की मांग को लेकर 27 अप्रैल, 2001 को स्थापित टीआरएस ने 2 जून 2014 को तत्कालीन आंध्र प्रदेश के विभाजन के साथ अपने उद्देश्य को प्राप्त किया था।

सियासी मीयार की रिपोर्ट