3,300 किलो हेरोइन, 320 किलो कोकीन और 230 किलो हशीश की हुयी जब्ती...
नई दिल्ली, 01 मई। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने वर्ष 2021 में अपनी कार्रवाइयों में ड्रग तस्करी गिरोहों से कुल मिलाकर 3,300 किलोग्राम से अधिक हेरोइन, 320 किलोग्राम कोकीन और 230 किलोग्राम हशीश को जब्त किया है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2021 में डीआरआई द्वारा हेरोइन, कोकीन, हशीश एवं साइकोट्रॉपिक पदार्थों और मेथामफेटामाइन एवं सूडोफेड्रिन जैसी दवाओं की पर्याप्त बरामदगी की जा चुकी है। जनवरी से दिसंबर 2021 के बीच 3,300 किलोग्राम से अधिक हेरोइन, 320 किलोग्राम कोकीन और 230 किलोग्राम हशीश को जब्त किया गया। साथ ही, इस दौरान 170 किलोग्राम सूडोफेड्रिन और 67 किलोग्राम मेथामफेटामाइन जब्त किया गया।
सितंबर 2021 में मुंद्रा बंदरगाह पर टेलकम की एक खेप से 3,000 किलोग्राम हेरोइन और कांदला बंदरगाह पर अप्रैल 2022 में जिप्सम की एक खेप से 205 किलोग्राम हेरोइन की रिकॉर्ड बरामदगी हुई। इसके अलावा फरवरी और मार्च 2022 में दो अन्य मामलों के तहत डीआरआई के अधिकारियों ने नई दिल्ली के तुगलकाबाद कंटेनर डिपो पर कार्गो कंटेनरों से हेरोइन जब्त की। पहले मामले में सेंधा नमक बताए गए चार कंटेनरों से 34.7 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई और दूसरे मामले में अनार के रस की एक खेप से तलछट के रूप में 2.4 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई।
डीआरआई और एटीएस गुजरात द्वारा संयुक्त रूप से जुटाई गई खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए गुजरात के पीपावाव बंदरगाह पर एटीएस गुजरात के अधिकारियों की मौजूदगी में डीआरआई द्वारा एक कंटेनर की जांच की जा रही है। कुल 9,760 किलोग्राम वजन वाले उस कंटेनर में ‘धागा’ होने की बात कही गई थी। लेकिन 28 अप्रैल 2022 को एक विस्तृत जांच के दौरान 100 बड़े बैग में से चार संदिग्ध बैग बरामद हुए जिनका कुल वजन 395 किलोग्राम था। क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा किए गए क्षेत्र परीक्षण इनमें धागे के साथ अफीम/ हेरोइन की मौजूदगी का पता चला।
अधिकारियों के अनुसार ऐसा लगता है कि ड्रग गिरोह ने इस अनूठे तरीके का इस्तेमाल किया। इसके तहत धागों को मादक मदार्थ- हेरोइन युक्त घोल में भिगोकर सुखा लिया जाता था। उसके बाद धागों का गांठ बनाकर बैग में पैक किया जाता था। फिर उसे सामान्य धागों की गांठों वाले अन्य बैगों के साथ भेज दिया जाता था ताकि अधिकारियों का ध्यान उस पर न जाए। इस गोरखधंधे के तहत हेरोइन मिश्रित धागों से बाद में हेरोइन को निकालने की आवश्यकता होती थी। इस मामले में डीआरआई द्वारा एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत जांच एवं जब्ती की कार्यवाही जारी है।
गिरोहों ने भारत-म्यांमार सीमा से याबा एवं हेरोइन जैसे नशीले पदार्थों और भारत-नेपाल सीमा से हशीश को सड़क मार्च के जरिये भारतीय सीमा में भेजने का भी प्रयास किया है। डीआरआई के अधिकारियों ने इन सीमाओं से ऐसी खेपों को भी जब्त किया है जिन्हें कभी-कभी वाहनों के अंदर छिपाकर रखा जाता है। ऐसे ही एक मामले के तहत फरवरी 2022 में डीआरआई ने एक लाख याबा (मेथामफेटामाइन) की गोलियां जब्त कीं और पूर्वोत्तर भारत में हेरोइन की कई बरामदगी को प्रभावित किया जिसे म्यांमार से भारत में तस्करी कर लाया गया था।
कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दिए जाने और अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा के सुचारु होने के साथ ही भारत आने वाले हवाई यात्रियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। पिछले दो महीनों के दौरान डीआरआई ने सामान में छुपाकर और बॉडी कैरियर्स द्वारा निगली गई गोलियों के रूप में हेरोइन की जब्ती के कई मामले दर्ज किए हैं। ऐसे ही एक मामले में डीआरआई ने मार्च 2022 में कोलकाता हवाई अड्डे पर पहुंचे तीन यात्रियों के बैग में छुपाए गए 16 किलो हेरोइन जब्त की थी।
हाल के दिनों में डीआरआई द्वारा प्रभावित विभिन्न मामलों में अहमदाबाद में 4.4 किलोग्राम, 5.9 किलोग्राम एवं 8.4 किलोग्राम हेरोइन की तीन अलग-अलग बरामदगी शामिल हैं। इसके अलावा नई दिल्ली में तीन अलग-अलग मामलों के तहत 2.2 किलोग्राम, 1.7 किलोग्राम और 2.25 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती, हैदराबाद में 3.2 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती और चेन्नई में दो अलग-अलग मामलों के तहत 4 किलोग्राम एवं 7.9 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती शामिल है।
पिछले दो महीनों के दौरान डीआरआई ने भारत आने वाले यात्रियों से शरीर में छिपाए गए कैप्सूल के रूप में 3.7 किलोग्राम कोकीन की जब्ती से जुड़े तीन मामले भी दर्ज किए हैं। इनके अलावा, डीआरआई द्वारा प्रदान किए गए खास इनपुट के आधार पर हवाईअड्डा सीमा शुल्क द्वारा कई मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें 10 अप्रैल 2022 को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगभग 17.90 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती शामिल है। इसे केन्याई प्रशासन के एक सेवारत अधिकारी द्वारा किया जा रहा था।
अधिकारियों के अनुसार हवाई यात्रियों ने डीआरआई के अधिकारियों को चकमा देने के लिए विभिन्न तरीके और साधन अपनाने की कोशिश की है जिनमें हेरोइन को ऐसे बारीक टुकड़े कर सामान में मिलाना शमिल है जिन्हें नग्न आंखों से देखना मुश्किल है। हेरोइन को छुपाने के लिए शैंपू और खाद्य पदार्थों के उपयोग जैसे सरल तरीके भी देखे गए हैं। सबसे चुनौतीपूर्ण मामले वे हैं जहां हवाई यात्रियों को शरीर के वाहक के रूप में उपयोग किया जाता है जो प्रतिबंधित पदार्थों की गोलियों को भारत में तस्करी के लिए लेते हैं और जिन्हें न केवल ऐसे वाहक की सटीक पहचान करने के लिए उम्दा स्तर के खुफिया कार्य करने की आवश्यकता होती है बल्कि आंशिक रूप से शरीर के भीतर मौजूद मादक पदार्थ उनके जीवन के लिए खतरनाक भी हो सकता है।
सियासी मियार की रिपोर्ट