सिख विरोधी दंगे : एसआईटी ने किया तीन और लोगों को गिरफ्तार..
कानपुर (उत्तर प्रदेश), 14 जुलाई वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के दौरान कानपुर में घटित फसाद के मामलों की जांच कर रहे विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) ने बृहस्पतिवार को तीन और लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
एसआईटी की अगुवाई कर रहे पुलिस उपमहानिरीक्षक बालेंद्र भूषण सिंह ने बताया कि सिख विरोधी दंगों के सिलसिले में नौबस्ता थाने और गोविंद नगर थाने में दर्ज दो मामलों में चंद्र प्रताप सिंह (67), अनिल निगम उर्फ गुड्डू (61) तथा राम चंद्र पाल (61) को गिरफ्तार किया गया है। उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 147 और 148 (घातक हथियार लेकर दंगा करना), धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 302 (हत्या) तथा 436 (किसी मकान को ध्वस्त करने के इरादे से आग या विस्फोटक का शरारतपूर्ण इस्तेमाल करना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
सिंह ने बताया कि चंद्र प्रताप और अनिल निगम उस भीड़ का हिस्सा थे जिसने एक मकान पर हमला कर स्वर्ण सिंह और उनके बेटे गुरविंदर सिंह को जिंदा जला दिया था, जबकि राम चंद्र पाल उस भीड़ में शामिल था जिसने गोविंद नगर में विशाखा सिंह के घर पर हमला किया था। दंगाइयों ने विशाखा सिंह, उनकी पत्नी शरण कौर, बेटी गुरबचन कौर, बेटों जोगिंदर सिंह, गुरचरण सिंह, छत्रपाल सिंह और गुरुमुखी सिंह की हत्या कर दी थी।
विशाखा सिंह के बेटे अवतार सिंह समेत दो परिजन ने किसी तरह से जान बचाई थी। अवतार ने योगेश शर्मा और उसके भाइयों भारत शर्मा तथा मनीष शर्मा समेत सात प्रमुख अभियुक्तों की पहचान की थी।
पुलिस उपमहानिरीक्षक ने इन अभियुक्तों की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली 10 सदस्य पुलिस टीम को 10 हजार रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है।
कानपुर जिले में सिख विरोधी दंगों में 127 लोग मारे गए थे। एसआईटी ने वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख सुरक्षाकर्मियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद सिख समुदाय के खिलाफ भड़की हिंसा के प्रकरण में कानपुर में अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया है।
सिंह ने बताया कि सिख विरोधी दंगों के मामलों में जिले में 51 अन्य लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। उनमें से 12 से ज्यादा लोगों के बारे में कुछ जानकारी मिली है लेकिन वे इस वक्त फरार हैं।
सिख विरोधी दंगों के मामले में गिरफ्तारी की यह प्रक्रिया पिछली 15 जून को शुरू हुई थी, जब एसआईटी ने घाटमपुर से चार प्रमुख अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। एसआईटी ने 96 लोगों को मुख्य संदिग्ध के तौर पर चिह्नित किया है। उनमें से 23 की मृत्यु हो चुकी है।
सियासी मियार की रिपोर्ट