गंगाजल से होगा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थल का जलाभिषेक...
सहारनपुर, 24 जुला। श्रावण शिवरात्रि पर आदिदेव भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हरिद्वार से पावन गंगाजल मेरठ के पुरा महादेव या अन्य स्थानों के शिवमंदिरों पर चढ़ाने का सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है। भक्तगण धर्मनिष्ठ भारत की झलक दिखाने के लिए तिरंगे से सजी कांवड़ लेकर भी यात्रा करते आए हैं लेकिन मोक्षायतन अंतर्राष्ट्रीय योग संस्थान के ब्रह्मचारी अजीत शर्मा ने इस बार अपनी कांवड़ यात्रा को राष्ट्र वंदना यात्रा का ऐसा रूप दिया है कि सहारनपुर स्थित योग संस्थान मुख्यालय से रवाना होकर वह हर की पैड़ी से पवित्र गंगाजल लेकर नई दिल्ली के राजपथ स्थित महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रतिमा स्थल पर जलाभिषेक करेंगे जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पूर्व किंग जॉर्ज के लिए छोड़े गए भव्य स्थल पर नेता जी की लेजर प्रतिमा का लोकार्पण किया था।
इसके बाद वह बागपत स्थित राष्ट्र वंदना चौक पर शहीद अशफाक उल्ला खान और उनके गुरु काकोरी काण्ड के महानायक पं रामप्रसाद बिस्मिल की प्रतिमाओं पर जलाभिषेक करेंगे। अजीत शर्मा ने कहा मेरी साइकिल के दो पहिए आस्था और रास्ता यानि धर्म और देश हैं इसीलिए मैं ये यात्रा भी साइकिल से कर रहा हूं।
गौरतलब है कि दो विषयों में एम ए लेकिन फक्कड़ मस्ती व गो सेवा में जीने वाले ब्रह्मचारी अजीत शर्मा नौ वर्षों से नंगे पैर ही रहते हैं क्योंकि उन्होंने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री देखने के संकल्प के साथ जूता पहनना छोड़ दिया था।
योगगुरु स्वामी भारत भूषण के संदेश पहले देश फिर परिवेश के जज्बे से ओतप्रोत अजीत शर्मा को कांवड़ यात्रा को मोक्षायतन योग संस्थान से पद्मश्री स्वामी भारत भूषण की मौजूदगी में वैदिक राष्ट्रीय प्रार्थना आ ब्राह्मण ब्राह्मणों ब्रह्मवर्चसी जायताम से रवाना किया गया।
योगगुरु स्वामी भारत भूषण ने कहा कि कांवडयात्रा पर होने वाले जलाभिषेक का ये नया रूप अमर सेनानियों के स्मारकों को जीवंत बनाए रखने की दिशा में पहला प्रयास है। जिस तरह भगवान शिव के विग्रह पर अभिषेक से हम उनके प्रति कृतज्ञता और अपने भीतर शिव शक्ति का जागरण करते हैं इसी तरह अमर बलिदानियों के प्रति कृतज्ञता व अपने भीतर वैसी शक्ति और देशभक्ति के अंकुर जगाए जा सकेंगे।
सियासी मियार की रिपोर्ट