पीएफआई पर प्रतिबंध आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक : गृह मंत्री..
भोपाल, 28 सितंबर। पीएफआई पर केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए पांच साल का बैन लगा दिया है। पिछले कुछ दिनों में मध्य प्रदेश से भी पीएफआई के कई सदस्यों की गिरफ्तारी हुई है। मंगलवार को भी प्रदेश से एक बड़ी गिरफ्तारी हुई। पीएफआई को सपोर्ट करने वाली एसडीपीआई का प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल रऊफ भी एटीएस के हत्थे चढ़ गया।
दरअसल पीएफआई को सपोर्ट करने वाली राजनीतिक विंग एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल रऊफ ने नगरीय निकाय चुनाव भी लड़ा था। इस बात का खुलासा पहले ही हो चुका था कि एसडीपीआई मध्य प्रदेश में पीएफआई को सपोर्ट दे रहे है जिसके बाद से ही एसडीपीआई के नेता एटीएस की रडार पर थे। एटीएस ने कई ठिकाने पर छापामार कार्रवाई की थी। और कई सदस्यों की गिरफ्तारी हुई थी।
वहीं एटीएस को पीएफआई पाकिस्तानी कनेक्शन भी मिला है।मध्य प्रदेश से पकड़े गए खालिद के मोबाइल में 50 से ज्यादा पाकिस्तानी नंबर मिले हैं। जिसके बाद एटीएस खालिद के भाई मोहम्मद मेहमूद की तलाश में जुटी हैं। खालिद पीएफआई का जनरल सेक्रेटरी है। इसके अलावा आरोपी अब्दुल करीम, मोहम्मद जावेद और जमील शेख मोबाइल से भी कई पाकिस्तानी नंबर मिले हैं।
प्रदेश के अलग-अलग जिलों में मंगलवार को एटीएस ने एक्शन लेते हुए पीएफआई के कई ठिकानों पर छापामार कार्रवाई थी। जिसमें इंदौर और उज्जैन सहित प्रदेश के कई अन्य जिलों से 22 सदस्यों की गिरफ्तारी हुई थी। वहीं इससे पहले इंदौर और उज्जैन से भी 4 सदस्यों की गिरफ्तारी हुई थी। जिनसे पूछताछ के आधार पर ही यह एक्शन लिया गया था।
वहीं देश में लगातार हुई गिरफ्तारियों के बाद केंद्र सरकार ने पीएफआई पर पांच साल का बैन लगा दिया है। पीएफआई के अलावा केंद्र सरकारों ने 8 और संगठनों पर कार्रवाई की है।
इस मामले को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान सामने आया है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 4 और 21 ऐसे करके 25 लोग अभी तक गिरफ्तार हुए हैं। और इनसे जैसे-जैसे सबूत मिलते जाएंगे पूछताछ में वैसे ही सारी स्लीपर सेल धीरे-धीरे पकड़ में आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध लगाया गया है इसे हम आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक कह सकते है।
नरोत्तम ने कहा कि केंद्र सरकार का स्वागत योग्य कदम है। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आभार जताते हुए कहा कि जो संगठन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त था जिसके आईएसआई से कनेक्शन पाए गए हों, जो केरल में , उड़ीसा, कर्नाटक, तमिलनाडु में जिनके हत्याओं के सबूत मिले हैं। तो ऐसे संगठन पर प्रतिबंध लगाना निश्चित रूप से स्वागत योग्य कदम है।
सियासी मियार की रिपोर्ट