दिल्ली: एलजी ने शराब, शिक्षा के बाद अब बिजली सब्सिडी की जांच के दिये आदेश..
नई दिल्ली, 04 अक्टूबर । दिल्ली सरकार की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। शराब, शिक्षा मामलों की जांच के बाद उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने अब बिजली सब्सिडी मामले में भी रिपोर्ट तलब कर ली है। एलजी ने चीफ सेक्रेटरी को उन आरोपों की जांच करने को कहा है जिनके मुताबिक बिजली वितरण कंपनियों को ‘आप पार्टी’ सरकार की ओर से सब्सिडी राशि भगुतान में अनियमितता बरती गई है। एलजी ने सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर बिजली देती है। 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाती है। महीने में 201 से 400 यूनिट तक बिजली खपत पर 50 फीसदी सब्सिडी मिलती है। उपभोक्ताओं की बजाय सरकार बिजली कंपनियों को सरकारी खजाने से इस बिल का भुगतान करती है। सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ वकीलों, न्यायविद और कानूनी पेशेवरों ने बिजली कंपनियों को सब्सिडी भुगतान में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी।
शिकायत में आप प्रवक्ता जैसमीन शाह और नवीन गुप्ता (आप सांसद एनडी गुप्ता के बेटे) का नाम भी शामिल है। एलजी दफ्तर की ओर से बताया गया है कि अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों बीएसईएस राजधानी पावर (बीआरपीएल) और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीआईपीएल) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में केजरीवाल सरकार ने नियुक्त किया। निजी वितरण कंपनियों में दिल्ली सरकार की 49 फीसदी हिस्सेदारी है।
एलजी की ओर से चीफ सेक्रेटरी को पूछा गया है कि दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन (डीईआरसी) की ओर से 19 फरवरी 2018 को दिए गए आदेश के मुताबिक बिजली सब्सिडी उपभोक्ताओं को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से उनके खाते में क्यों नहीं दी जा रही है। एलजी कार्यालय की ओर से बताया गया है कि दिल्ली सरकार ने सरकारी कंपनियों से बिजली खरीद का 21,250 करोड़ रुपए बकाया वसूली की बजाय उन्हें भविष्य में सरकार की ओर से सब्सिडी भुगतान के बदले समायोजित करने की छूट दी।
उल्लेखनीय है कि एलजी ने बिजली सब्सिडी में कथित अनियमितता की जांच का आदेश ऐसे समय पर दिया है जब राजभवन और सरकार के बीच कई मुद्दों पर टकराव चल रहा है। एलजी के आदेश पर ही दिल्ली में कथित शराब घोटाले की सीबीआई जांच चल रही है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। हाल ही में वक्फ बोर्ड में कथित भर्ती घोटाले को लेकर ‘आप’ विधायक अमानतुल्लाह खान को भी गिरफ्तार किया गया था। सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन 4 महीने से मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद हैं।
सियासी मियार की रिपोर्ट