एनटीपीसी, मित्सुबिशी के बीच औरैया बिजली संयंत्र में हाइड्रोजन के उपयोग के लिए समझौता..
नई दिल्ली, । सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज और उसकी शाखा मित्सुबिशी पावर इंडिया के साथ एक समझौता किया। इस समझौते के तहत कंपनी के औरैया गैस बिजली संयंत्र में ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस के साथ मिलाकर हाइड्रोजन के उपयोग (को-फायरिंग) की व्यवहार्यता को परखा जाएगा।
बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”एनटीपीसी लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश स्थित अपने औरैया गैस बिजली संयंत्र में स्थापित एमएचआई 701डी गैस टर्बाइनों में प्राकृतिक गैस के साथ हाइड्रोजन को मिलाकर ‘को-फायरिंग’ की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए जापान की मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनी मित्सुबिशी पावर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।”
बयान के अनुसार औरैया गैस बिजली संयंत्र की कुल स्थापित क्षमता 663 मेगावाट है। गैस टर्बाइनों में हाइड्रोजन की ‘को-फायरिंग’ के रूप में उपयोग से कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी। एक ही समय में दो (या अधिक) विभिन्न प्रकार की सामग्रियों के दहन को ‘को-फायरिंग’ कहते हैं।
सियासी मीयार की रिपोर्ट