पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के ‘‘नापाक मंसूबों को कुचलने’’ का संकल्प लिया..
इस्लामाबाद, । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देशभर में आतंकवाद की फिर से बढ़ती घटनाओं के बीच अराजकता फैलाने का इरादा रखने वाले आतंकवादियों के ‘‘नापाक मंसूबों को कुचलने’’ का बुधवार को संकल्प लिया और कहा कि सरकार किसी आतंकवादी संगठन के आगे घुटने नहीं टेकेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आतंकवाद की फिर से बढ़ती घटनाओं ने हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को नया खतरा पैदा कर दिया है। हमारे सतर्क सुरक्षा बल इस खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’’
उल्लेखनीय है कि अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के आतंकवाद-रोधी केंद्र में दो दिनों से कुछ लोगों को बंधक बनाए जाने के मामले में वार्ता विफल होने के बाद सुरक्षा बलों ने मंगलवार को धावा बोल दिया था और सभी 33 आतंकवादियों को मार गिराया था। बंधक संकट को समाप्त करने के लिए सरकार और प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बीच वार्ता विफल होने के बाद शुरू किए गए बचाव अभियान में विशेष बलों के दो कमांडो भी मारे गए।
शरीफ ने इस एक दिन पहले की इस घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि आतंकवाद राष्ट्रीय सुरक्षा का संवेदनशील मामला है और इससे निपटने के लिए मिलकर सोचना और कदम उठाने की योजना बनाना आवश्यक है।
सरकार द्वारा संचालित ‘रेडियो पाकिस्तान’ ने बताया कि प्रधानमंत्री ने हालिया आतंकवादी घटनाओं की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश में आतंकवाद की फिर से बढ़ती घटनाओं के बीच पाकिस्तान में अराजकता फैलाने का इरादा रखने वाले आतंकवादियों के ‘‘नापाक मंसूबों को कुचलने’’ का बुधवार को संकल्प लिया।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ‘‘सरकार किसी आतंकवादी समूह के आगे घुटने नहीं टेकेगी और आतंकवादियों से कानून एवं संविधान के अनुसार निपटा जाएगा।’’
शरीफ ने कहा कि सरकार आतंकवादियों को ‘‘बाहर से मिलने वाली मदद और उनके ठिकानों’’ से भी निपटेगी।
उन्होंने सशस्त्र बलों की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि पूरा देश अपने बहादुर बलों का समर्थन करेगा और आतंकवाद पर अंततः अंकुश लगाएगा।
शरीफ ने कहा कि कानून और व्यवस्था की प्राथमिक जिम्मेदारी प्रांतों की है, लेकिन संघीय सरकार इन गंभीर मुद्दों पर आंख नहीं मूंद सकती। उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकवाद से लड़ने के लिए प्रांतों के साथ मिलकर काम करेंगे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में आतंकवाद को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना को पूरी तरह से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार खैबर पख्तूनख्वा सरकार के साथ मिलकर उसके ‘आतंकवाद रोधी विभाग’ को मजबूत करने के लिए काम करेगी।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने देश में हाल में हुए कई हमलों की जिम्मेदारी ली है। कई आतंकवादी संगठनों के अग्रणी समूह के रूप में वर्ष 2007 में स्थापित टीटीपी ने पिछले महीने जून में संघीय सरकार के साथ हुए संघर्ष विराम समझौते को रद्द कर दिया और अपने आतंकियों को देश भर में आतंकवादी हमले करने का आदेश दिया।
अल-कायदा का करीबी माने जाने वाले इस आतंकी संगठन को पाकिस्तान में कई घातक हमलों के लिए दोषी ठहराया गया है, जिसमें 2009 में सेना मुख्यालय पर हमला, सैन्य ठिकानों पर हमले और 2008 में इस्लामाबाद में मैरियट होटल में बमबारी शामिल है।
सियासी मीयार की रिपोर्ट