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यौन शोषण मामले में स्‍वामी चिन्‍मयानंद को अग्रिम जमानत मिली, 16 जनवरी को होगी अगली सुनवाई..

यौन शोषण मामले में स्‍वामी चिन्‍मयानंद को अग्रिम जमानत मिली, 16 जनवरी को होगी अगली सुनवाई..

शाहजहांपुर, । शिष्या के साथ यौन शोषण के मामले में इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय से अग्रिम जमानत मिलने के बाद पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने शुक्रवार को सांसद-विधायक अदालत में उपस्थित होकर जमानत पत्र दाखिल किया।

स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता फिरोज हसन खान ने शुक्रवार को बताया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद से यौन शोषण मामले में स्वामी चिन्मयानंद को 19 दिसंबर को अग्रिम जमानत मिल गई, जिसके बाद आज वह अपने अधिवक्ता के साथ सांसद-विधायक अदालत में उपस्थित हुए।

खान ने बताया कि स्वामी चिन्मयानंद ने इस दौरान अपने दो जमानतदारों के एक-एक लाख रुपये की धनराशि के जमानती पत्र दाखिल किए, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया तथा मामले में चिन्मयानंद की अगली पेशी की तारीख 16 जनवरी तय की है।

सांसद विधायक अदालत की शासकीय अधिवक्ता नीलिमा सक्सेना ने बताया कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध न्यायालय द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 के तहत कार्यवाही की गई थी।

चिन्मयानंद के अधिवक्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि वह अस्वस्थ हैं तथा उच्च न्यायालय में उनकी अग्रिम जमानत अर्जी डाली गई है जिस पर 19 दिसंबर को सुनवाई होनी है, इसलिए उन्हें समय प्रदान किया जाए, जिस पर अदालत ने उनकी अर्जी खारिज करते हुए धारा 82 के तहत उन्हें फरार घोषित कर दिया था।

इसके साथ ही अदालत ने शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक को स्वामी चिन्मयानंद को 16 जनवरी को न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया था। इसी के साथ न्यायालय ने आदेश जारी किया कि स्वामी चिन्मयानंद के मामले में आदेश की प्रति को उनके आवास तथा सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किया जाए।

गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री तथा मुमुक्षु आश्रम के संस्थापक स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ उनकी शिष्या ने वर्ष 2011 में यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था।

वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने यौन शोषण के इस मामले को वापस लेने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से न्यायालय को पत्र भेजा था। परंतु पीड़िता ने आपत्ति जताते हुए अदालत से अनुरोध किया था कि वह मामला वापस नहीं लेना चाहती है।

इसलिए मामला वापसी का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया गया था, साथ ही स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया गया था।

इसके बाद चिन्मयानंद ने केस वापस लेने के लिए उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। जब उच्च न्यायालय ने भी उनकी अपील खारिज कर दी तो उन्होंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन शीर्ष असियासी मियार की रिपोर्टदालत ने भी उनकी अपील खारिज कर दी।

सियासी मियार की रिपोर्ट