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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने श्रीविद्यामठ में श्रद्धालुओं संग खेली फूलों की होली.

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने श्रीविद्यामठ में श्रद्धालुओं संग खेली फूलों की होली.

वाराणसी, । रंगपंचमी पर्व पर रविवार को केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ में ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सन्तों व भक्तों संग फूलों की होली खेली।

श्रद्धालुओं के साथ बटुकों ने शंकराचार्य पर जमकर पुष्प वर्षा की। मठ में आयोजित होली मिलन समारोह में कवि श्रीप्रकाश पाण्डेय और हास्य कवि सांड बनारसी ने अपनी रचनाओं से उपस्थित लोगों को खूब गुदगुदाया।कलाकार कृष्ण कुमार तिवारी और गीतांजलि मौर्या ने होली व भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि काशी ज्ञान-ध्यान-विद्या-बुद्धि व अपने अल्हड़पन के लिए जानी जाती है लेकिन अब काशी पर भी आधुनिकता सवार हो रही है। यह चिंताजनक है कि काशीवासियों को इस पर विचार करना चाहिए।

शंकराचार्य ने फूलों के होली के औचित्य को बताते हुए कहा कि रंगों से होली खेलने के बाद उसे छुड़ाना पड़ता है और रंगों में आजकल केमिकल मिला दिया जा रहा है, जिससे त्वचा को भी क्षति पहुंचती है। वहीं फूलों से होली खेलने से ऐसी कोई दिक्कत नहीं होती बल्कि फूलों से होली खेलने से उसकी खुशबू वातावरण में व्याप्त हो जाती है और मन प्रसन्न हो जाता है।

होली मिलन समारोह में साध्वी पूर्णम्बा, साध्वी शारदम्बा, ब्रम्हचारी लीला विनोदानंद, ब्रम्हचारी वृत्तानंद, संजय पांडेय, रवि त्रिवेदी, जंतलेश्वर यादव, हजारी कीर्ति नारायण शुक्ला, रामसागर दुबे, आत्मा राम दुबे, शैलेन्द्र योगी, डॉ गिरीश तिवारी, सदानंद तिवारी, डॉ अभय शंकर तिवारी, सुनील शुक्ला, सुनील उपाध्याय, रमेश उपाध्याय, सतीश अग्रहरी, किशन जायसवाल आदि शामिल रहे।

सियासी मियार की रिपोर्ट