चांदी के सिक्के का भाव क्यूं ज्यादा..
वक्त बदलते देर नहीं लगती। एक वक्त ऐसा भी आया कि मुल्ला को खाने के लाले पड़ गए। कोई धंधा नहीं कर सकने के बाद मुल्ला शहर के चौक पर भीख मांगने लगा।
मुल्ला के बेहतर दिनों में उससे जलनेवालों ने जब मुल्ला को भीख मांगते देखा तो उसका मजाक उड़ाने के लिए वे उसके सामने एक सोने का और एक चांदी का सिक्का रखते और मुल्ला से उनमें से कोई एक सिक्का चुनने को कहते। मुल्ला हमेशा चांदी का सिक्का लेकर उनको दुआएं देता और वे मुल्ला की खिल्ली उड़ाते।
मुल्ला का एक चाहनेवाला यह देखकर बहुत हैरान भी होता और दुखी भी। उसने एक दिन मौका पाकर मुल्ला से उसके अजीब बर्ताव की वजह पूछी, मुल्ला, आप जानते हैं कि सोने के एक सिक्के की कीमत चांदी के कई सिक्कों के बराबर है। फिर भी आप हर बार चांदी का सिक्का लेकर अपने दुश्मनों को अपने ऊपर हंसने का मौका क्यों देते हैं।
मुल्ला ने कहा, मेरे अजीज दोस्त, मैंने कई बार तुम्हें समझाया है कि चीजें हमेशा वैसी नहीं होतीं, जैसी वे दिखती हैं। क्या तुम्हें वाकई लगता है कि वे लोग मुझे बेवकूफ साबित कर देते हैं? सोचो, अगर एक बार मैंने उनका सोने का सिक्का कबूल कर लिया तो अगली बार वे मुझे चांदी का सिक्का भी नहीं देंगे।
हर बार उन्हें अपने ऊपर हंसने का मौका देकर मैंने चांदी के इतने सिक्के जमा कर लिए हैं कि मुझे अब खाने-पीने की फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है।
सियासी मियार की रिपोर्ट