सृष्टि का सुन्दरतम अध्याय हैं बेटियां..
-राकेशधर द्विवेदी-
किसी कवि की सुन्दर
रचनाएं हैं बेटियां
अभिव्यक्ति हैं, अनुभूति हैं
आशाएं हैं बेटियां
गीता का संदेश और
कुरान हदीस की आयतें
हैं बेटियां
रामायण की चैपाइयां
और ईद की सेवइयां
हैं बेटियां
आंखों का नूर और
गजरे का फूल हैं बेटियां
बेला की सुगंध और
पीपल की छांव हैं बेटियां
आशा है विश्वास है
सृष्टि का सबसे सुन्दर
अध्याय हैं बेटियां
नव वंदना की राग हैं
नवचेतना की द्वार हैं बेटियां
अपने दुख सहकर
समाज को सुख देने का
पर्याय हैं बेटियां
सूरज की पहली किरण
और चांद का आफताब
हैं बेटियां
शक्तिस्वरूपा जगत्जननी
मातरूपा बेमिसाल हैं बेटियां
तो बेटियों का तुम सम्मान करो
कभी न तुम इनका अपमान करो
उन्हें तुम इस धरा पर
आने दो
सृष्टि को नई रोशनी दिखाने दो
वे वंदना की नई राग बन
तुम्हारी पीड़ा को हर लेंगी
वह चेतना की द्वार बनकर
नए अध्याीय नव विकास
का सृजन करेंगी
बन जाएगी लोरी-गजल-गीत
तुम्हारे जीवन का
तुम्हें भटके पथ से
सम्हालकर तुम्हारा पूर्ण
विकास करेगी
तो हे भटके मानव तुम
अब सम्हल जाओ
बेटियां बुलाओ और
बेटियां पढ़ाओ
नवनिर्माण नवविकास की
प्रस्तावना बन जाओ।।
सियासी मियार की रीपोर्ट