Saturday , December 28 2024

कोयल दीदी..

कोयल दीदी..

-संतोष उत्सुक-

आम की शाखाएं फ़ूल रही हैं
कोयल दीदी अब कूक रही हैं,
लताजी जैसा सुना रही हैं
मीठे मधुर गीत गा रही हैं,
आम वरना फीके रह जाते
मेहनत से मीठे बना रही

हैं,
रंग नहीं गुण करते सफल
बार बार यह समझा रही हैं,
कोयल जैसा सीखो बोलना
दादियां बच्चों को पटा रही हैं।।

सियासी मियार की रीपोर्ट