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ओएनजीसी ने दुर्घटना से बचाव के लिए मानसून के दौरान हेलिकॉप्टर उड़ानें घटाईं..

ओएनजीसी ने दुर्घटना से बचाव के लिए मानसून के दौरान हेलिकॉप्टर उड़ानें घटाईं..

नई दिल्ली, 02 जून । देश की सबसे बड़ी तेल एवं गैस उत्पादक कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने मानसून के दौरान किसी भी घातक दुर्घटना से बचाव के लिए पूर्वी और पश्चिमी दोनों तटों पर समुद्र के बीच में अपने प्रतिष्ठानों के लिए हेलिकॉप्टर की उड़ानें तीन महीने के लिए कम कर दी हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

ओएनजीसी ने समुद्र तल से तेल और गैस का उत्पादन करने में मदद करने वाले अपतटीय प्लेटफॉर्म पर अपने कर्मचारियों के काम से संबंधित रहने की अवधि 14 दिन से बढ़ाकर 21 दिन कर दी है। हालांकि, यह अब भी 28 दिन के अंतरराष्ट्रीय मानक से कम है।

मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि यह अस्थायी उपाय केवल जून से अगस्त तक तीन माह के लिए है और इसे प्रतिष्ठानों तक लोगों और सामग्री को पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टर उड़ानों की संख्या में कटौती करने के उद्देश्य से लागू किया गया है।

ओएनजीसी से ई-मेल के जरिये यह जानने का प्रयास किया गया कि वह 21 दिन के चक्र का पालन क्यों कर रही है जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 28 दिन के चक्र का अनुपालन किया जाता है। कंपनी की ओर से इसका जवाब नहीं मिला है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपतटीय तेल और गैस प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मियों को लगातार 28 दिन तक तेल रिग और प्लेटफॉर्म पर रहना पड़ता है और उसके बाद उतने ही दिन की छुट्टी लेनी पड़ती है। रिग और प्लेटफॉर्म पर सोने के लिए घर, रसोई और मनोरंजन क्षेत्रों से सुसज्जित हैं। भारत में निजी क्षेत्र के ऑपरेटरों द्वारा भी 28-दिन के मानदंड का पालन किया जाता है।

हालांकि, ओएनजीसी बिना किसी परिभाषित कारण के 14-दिन चक्र का पालन करती है। 14 दिन का अपतटीय प्रवास और उसके बाद 14-दिन की छुट्टी।

इसके 25,000 कर्मचारियों में से केवल 1,200 ही किसी भी समय अपतटीय प्रतिष्ठानों पर तैनात रहते हैं। 14-दिन के चक्र का मतलब है कि हेलिकॉप्टर, जिन्हें मानसून अवधि में उथल-पुथल भरी समुद्री परिस्थितियों के दौरान सबसे असुरक्षित माना जाता है, को लोगों और सामग्री के परिवहन के लिए अधिक उड़ानें भरनी पड़ती हैं। विमान के विपरीत हेलिकॉप्टर को काले बादलों के बीच से उड़ान भरने की जरूरत होती है जो समान रंग के समुद्र के साथ बारिश के दौरान असुरक्षित उड़ान की स्थिति पैदा करता है।

पूर्व में मानसून के दौरान हेलिकॉप्टर हादसे में ओएनजीसी के कई कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है। आखिरी ऐसी घटना 28 जून, 2022 को हुई थी। उस समय अरब सागर पर दुर्घटना में चार लोगों की जान गई थी।

सियासी मीयार की रीपोर्ट