Saturday , December 28 2024

सिंगल विचारधारा का नेतृत्व बनाम बैसाखियों के सहारे से नेतृत्व..

सिंगल विचारधारा का नेतृत्व बनाम बैसाखियों के सहारे से नेतृत्व..

-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया-

वैश्विक स्तरपर पूरी दुनियां की नज़रें भारत परदिनांक 4 जून 2024 को देर रात्रि तक टिकी रही जो 5 जून 2024 सुबह तक पूरी तस्वीर साफ हो गई कि एनडीए की अगुवाई में ही सरकार बनना तय है, जिसकी सटीकता पर मोहर देर शाम संपन्न हुई एनडीए घटक दलों की बैठक में सर्वसम्मति से माननीय नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना तो पूरी दुनियां ने देखा कि पीएम बनने का दरवाजा खुला और पूरी दुनियां के बड़े से बड़े और पूर्ण विकसित से विकासशील देशों तक लंबी श्रृंखला से राष्ट्राध्यक्षों की बढ़ी बधाईयों का तांता लग गया, जो रेखांकित करने वाली बात है, क्योंकि सत्ता की हैट्रिक लगाना आजाद भारत में दूसरी बार हो रहा है, क्योंकि, उनसे पहले ऐसा सिर्फ एक बार हुआ है, जब ब्रितानी शासन से आज़ादी हासिल करने के बाद जवाहरलाल नेहरू 16 साल तक आज़ाद भारत के प्रधानमंत्री रहे थे। लेकिन मोदी की जीत में उनकी पार्टी की 63 सीटों पर हुई हार भी शामिल है। अपने बल पर सरकार ना बना पाने की सूरत में वो अपने सहयोगी दलों पर पूरी तरह आश्रित हैं। अपने लंबे राजनीतिक करियर में नरेंद्र मोदी ने कभी गठबंधन सरकार का नेतृत्व नहीं किया है, ना हीं बतौर मुख्यमंत्री गुजरात में, और ना ही पिछले दो कार्यकाल में केंद्र में। दूसरी तरफ़, कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन को उम्मीद से ज़्यादा सीटें मिली हैं। मज़बूत विपक्ष के सामने बीजेपी की स्थिति के मद्देनज़र मोदी के लिए पार्टी के अंदर और सरकार चलाने में स्थायित्व बनाए रखना एक चुनौती होंगी, चूंकि एनडीए ने सर्वसम्मति से अपना नेता चुन लिया है। 7 जून को सांसदों की बैठक होगी और 8 जून 2024 को पीएम के शपथ ग्रहण होने की संभावना है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, ग़ज़ब का नेतृत्वकर्ता नरेंद्र मोदी ने सीएम व दो बार पीएम बतौर कभी बैसाखी गठबंधन सरकार का नेतृत्व नहीं किया, इसलिए मजबूत विपक्ष के सामने सरकार चलाने में स्थायित्व रखना चुनौतीपूर्ण है।
साथियों बात अगर हम 18वीं लोकसभा में सरकार बनाने के लिए एनडीए को बहुमत मिलनें की करें तो, लोकसभा चुनाव में मंगलवार को नतीजे आए हैं। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 292 सीटों पर जीत दर्ज की और बहुमत हासिल किया है। विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने 234 सीटें हासिल की हैं। बीजेपी ने अकेले 240 सीटों पर जीत हासिल की है। ऐसे में वो बहुमत के आंकड़े (272) से काफी पीछे रह गई है। 2014 के चुनाव में बीजेपी ने मोदी की अगुआई में 282 और 2019 चुनाव में 303 सीटें जीतकर अकेले दम पर बहुमत हासिल किया था। हालांकि, इस बार सहयोगी दलों को मिलाकर एनडीए बहुमत हासिल कर पाया है। 17वीं लोकसभा का 16 जून को समाप्त हो रहा है कार्यकाल, इससे पहले पीएम आवास पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई पीएम ने लोकसभा चुनाव के नतीजों और एनडीए के बहुमत हासिल करने के बाद संभावित सरकार गठन के बारे में बातचीत की। यह मोदी 2.0 की कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की आखिरी बैठक थी। कैबिनेट मौजूदा लोकसभा को भंग करने की भी सिफारिश की।
साथियों बात अगर हम पीएम का शपथ ग्रहण समारोह 8 जून 2024 को होने की संभावना की करें तो, इस बार चुनावी रिज़ल्ट 4 दिन बाद शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है, बता दें कि 2019 के नतीजों के 7 दिन बाद पीएम पद का शपथ ग्रहण समारोह समारोह आयोजित हुआ था2014 में जब एनडीए सरकार बनी थी तब 10 दिन बाद मोदी ने पीएम पद की शपथ ग्रहण की थी। इस बार नतीजे आने के बाद 4 दिन बाद यानी 8 जून को शपथ ग्रहण की तैयारी होने की खबर है, बताया जा रहा है कि मोदीजी 8 जून, 2024 को सायंकाल में पीएम पद की तीसरी बार शपथ लेंगे। पीएम ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि दिन शनिवार को आर्द्रा नक्षत्र में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। शनिवार को ही सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र सेनिकलकर मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे जिसकी वजह से सरकार और अधिक ऊर्जा के साथ कार्य करेगी। माना जाता है कि शपथ ग्रहण करने का दिन चतुर्थ, नवम, चतुर्दशी, अमावस्या या पूर्णिमा पर नहीं होना चाहिए. इन तिथियों को अच्छा नहीं कहा जाता है। नक्षत्रों में रोहिणीमृगशिरा पुष्य, अनुराधा ज्येष्ठा, उत्तराषाढ़ा श्रवण, उत्तराभाद्रपद, रेवती और अश्विनी नक्षत्र को बेहद शुभ माना जाता है। इन नक्षत्रों में शपथ लेना लाभकारी होता है। ज्योतिष के अनुसार, राजनेता अगर सोमवार, बुधवार, गुरुवार या शुक्रवार के दिन शपथ लेते हैं तो उनके कार्यकाल में परेशानियां कमआती हैं, लेकिन शपथ मंगलवार, शनिवार या रविवार के दिन ली जाए तो संघर्ष देखने को मिल सकता है, ज्योतिष के अनुसार, शुभ लग्न भी देखने जरूरी होते हैं. वृश्चिक, सिंह, वृषभ और कुंभ लग्नों में शपथ लेना शुभ होता है और इन लग्नों में शपथ लेने पर राजनेता को शासन करने में सहायता मिलती है. ये चार लग्न स्थिर लग्न माने जाते हैं।
साथियों बात अगर हम हैट्रिक सरकार 3.0 बैसाखियों के सहारे चलने की करें तो, 18वीं लोकसभा की सियासी तस्वीर करीब-करीब साफ हो चुकी है। हालांकि नतीजे चौंकाने वाले रहे, लेकिन भाजपा ने सहयोगियों के साथ सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। हालांकि इस बार बदलाव ये होगा कि मोदी 3.0 सरकार इस बार सहयोगियों की बैसाखियों के सहारे चलेगी। वहीं, सहारे की सरकार चलाना टेढ़ी खीर साबित होने वाला है। क्योंकि मोदी 2.0 में जिन मुद्दों के सहारे हवा बना भाजपा चुनावों में उतरी थी, मोदी 3.0 में उन्हें सहयोगियों के सहारे जमीन पर उतारना कठिन साबित हो सकता है। इनमें वन इलेक्शन वन नेशन, यूनिफॉर्म सिविल कोड शामिल हैं, इन्हें भाजपा के संकल्प पत्र और मोदी की गारंटी में शामिल किया गया है। इसके अलावा भाजपा ने परिसीमन का काम चुनावों बाद शुरू करने का वादा किया था। इन मुद्दों को लेकर अब कहा जा रहा है कि इन्हें लागू करने को लेकर आने वाले समय में भाजपा की सहयोगियों के साथ खटपट हो सकती है। इस बार तीसरी बार सत्ता की सीढ़ी तक पहुंचने के लिए सहयोगियों की जरूरत होगी। 272 का जादुई आंकड़ा छूने के लिए इस बार भाजपा को नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के कंधे की जरूरत पड़ेगी। नायडू और नीतीश के साथ भाजपा के रिश्ते तो इतने सहज नहीं रहे हैं, तो इस पर भाजपा के सूत्र कहते हैं कि सरकार बनानी है, तो दोनों को साधना होगा और भाजपा नेतृत्व इसमें माहिर है। हालांकि दोनों दलों का साथ भाजपा के लिए इतना भी आसान नहीं रहने वाला है, क्योंकि जरूरत के वक्त अगर किन्हीं मुद्दों पर उन्होंने भाजपा के साथ असहमति जताई, तो ये समर्थन की समीक्षा करने में भी संकोच नहीं करेंगे। इसका ट्रेलर भाजपा 2018 में देख चुकी है। जब आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने पर टीडीपी ने मोदी सरकार का साथ छोड़ दिया था। दोनों के रिश्ते इतने खराब हो गए थे कि नायडू ने मोदी को कट्टर आतंकवादी तक बता दिया था। 2018 में टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम ने चंद्रबाबू नायडू की तुलना भ्रष्ट राजनीतिज्ञ से की थी। बाद में, 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद जब टीडीपी ने जब दोबारा से भाजपा के साथ संबंध जोड़ने की कोशिश की, तो भाजपा ने एनडीए में वापसी को लेकर कड़ा रुख अपनाया था। बाद में जब इस साल फरवरी में जेल से रिहा होने के बाद नायडू ने अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ एक मीटिंग की थी, उसके बाद रिश्ते सामान्य हुए थे।
साथियों बात अगर हम पूरी दुनियां के नेताओं द्वारा बधाईयां संदेश देने की करें तो, भाजपा तीसरी बार लोकसभा चुनाव में भारत की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए जल्द ही सरकार बनाने का एलान कर सकता है। नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं। ऐेसे में दुनिया के शीर्ष तीन नेताओं ने भी पीएम मोदी को बधाई दी। इनमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को उनकी जीत के लिए बहुत-बहुत बधाई हो। पीएम मोदी और एनडीए के अलावा, बाइडन ने देश के 650 मिलियन मतदाताओं को भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि हमारे दोनों देशों के बीच दोस्ती और बढ़ रही है। हम असीमित संभावनाओं वाले साझा भविष्य को अनलॉक कर रहे हैं। हिंदी में सुनक ने एक्स पर किया पोस्टइसके अलावा, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी पीएम मोदी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मैंने आज पीएम मोदी से बात की है और उन्हें उनकी चुनावी जीत पर बधाई दी है। उन्होंने एक्स पर कहा कि यूके और भारत के बीच सबसे घनिष्ठ दोस्ती है। हम साथ मिलकर इस दोस्ती को आगे बढ़ाएंगे। खास बात है कि उन्होंने हिंदी में भी ट्वीट किया है। पुतिन- आपके स्वास्थ्य-समृद्धि की कामना करता हूंभारत के सबसे पुराने दोस्तों में शामिल रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भी पीएम मोदी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आम चुनावों में भाजपा की जीत के लिए आपको बधाई। मेरी बधाई स्वीकार करें। हम नई दिल्ली के साथ विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के संबंध को बहुत महत्व देते हैं। मैं ईमानदारी से आपकी सरकारी गतिविधियों में नई सफलताओं के साथ-साथ अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करता हूं। मैक्रों ने पीएम के साथ पोस्ट की फोटो फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी नरेंद्र मोदी को बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सेल्फी पोस्ट करते हुए लिखा कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव संपन्न हो गया है। मेरे प्रिय मित्र, नरेंद्र मोदी को बधाई। हम साथ मिलकर भारत और फ्रांस को एकजुट करने वाली रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूती देंगे। चीन ने आम चुनाव में जीत पर पीएम मोदी को बधाई दीचीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि हमने भारत के आम चुनाव के नतीजे पर गौर किया है। हम प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भाजपा एवं राजग की जीत पर बधाई देते हैं। जर्मन चांसलर ने भी दी बधाई। जर्मनी के चांसलर ने पीएम मोदी को बधाई देते हुए कहा कि हमारे देश दशकों से रणनीतिक साझेदार रहे हैं। हम जर्मन-भारतीय संबंधों को गहरा करने और अंतर्राष्ट्रीय और वैश्विक मुद्दों पर काम करने के लिए अपना सफल सहयोग जारी रखेंगे। मैं जल्द ही आपसे फिर मिलने की उम्मीद करता हूं। इस्राइल-यूक्रेन ने भी किया पोस्ट अमेरिका, रूस और ब्रिटेन के अलावा, इस्राइल और यूक्रेन सहित अन्य देशों ने भी पीएम मोदी को बधाई दी। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लोकसभा चुनाव में तीसरी जीत पर पीएम को बधाई दी। उन्होंने एक्स पोस्ट करते हुए कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरी बार फिर से चुने जाने पर हार्दिक बधाई देता हूं। इसके अलावा, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने भी पीएम मोदी को बधाई दी। एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा कि मैं भारत में दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक चुनावों के सफल आयोजन का स्वागत करता हूं। भारत के संसदीय चुनावों में लगातार तीसरी जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा और एनडीए की जीत हुई है। सभी को बधाई।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि सिंगल विचारधारा का नेतृत्व बनाम बैसाखियों के सहारे से नेतृत्व। एनडीए ने सर्वसम्मति से अपना नेता चुना – 7 जून को सांसदों की बैठक – 8 जून 2024 को पीएम के शपथ ग्रहण समारोह की संभावना। ग़ज़ब के नेतृत्वकर्ता नरेंद्र मोदी ने सीएम व दो बार पीएम बतौर कभी बैसाखियों की गठबंधन सरकार का नेतृत्व नहीं किया-मजबूत विपक्ष के सामने सरकार चलाने में स्थायित्व रखना चुनौतीपूर्ण है।

(लेखक कर विशेषज्ञ, स्तंभकार एवं एडवोकेट है)

सियासी मियार की रीपोर्ट