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आने वाले वर्षों में भी भारतीय अर्थव्यवस्था चमकता सितारा बना रहेगा: सीतारमण..

आने वाले वर्षों में भी भारतीय अर्थव्यवस्था चमकता सितारा बना रहेगा: सीतारमण..

नई दिल्ली, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश करते हुये कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत की आर्थिक वृद्धि एक चमकता सितारा बना हुआ है और आने वाले वर्षों में भी ऐसी ही रहेगी। भारत की मुद्रास्फीति कम और स्थिर बनी हुई है और 4 प्रतिशत लक्ष्य की ओर बढ़ रही है तथा कोर महंगाई 3.1 प्रतिशत पर है।
श्रीमती सीतारमण ने अपने बजट भाषण की शुरूआत करते हुये कहा, “भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अपना विश्वास दोहराया है और इसे ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुना है।” उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि के सामने कई वाह्य और आंतरिक चुनौतियां बनी हुयी है और इन चुनौतियों से महंगाई बढ़ने का खतरा है।
उन्होंने कहा, “जैसे अंतरिम बजट में बताया गया है, हमें चार अलग-अलग जातियों, गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। किसानों के लिए, हमने वादे को पूरा करते हुए सभी प्रमुख फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा की है। लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ।
वित्त मंत्री ने कहा, “मुझे दो लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ पांच वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए पांच योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। इस वर्ष हमारे पास है शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान है।”
उन्होंने कहा कि 32 क्षेत्रीय और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च उपज वाली और जलवायु लचीली किस्में किसानों द्वारा खेती के लिए जारी की जाएंगी। अगले दो वर्षों में, एक करोड़ किसानों को प्रमाणन और ब्रांडिंग द्वारा समर्थित प्राकृतिक खेती में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस साल कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए आवंटन 1.52 लाख करोड़ रुपये है।
उन्हाेंने कहा कि भारत की मुद्रास्फीति कम, स्थिर और चार प्रतिशत के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। सह-मुद्रास्फीति, यानी गैर-खाद्य और गैर-ईंधन, 3.1 प्रतिशत पर बनी हुई है। खराब होने वाली वस्तुओं की आपूर्ति पर्याप्त रूप से बाजारों तक पहुंचे यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। जैसा कि अंतरिम बजट में बताया गया है, गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
वित्त मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के हिस्से के रूप में रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन के लिए तीन योजनाएं लागू करेगी। ये ईपीएफओ में नामांकन पर आधारित होंगी और पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों की पहचान और कर्मचारियों और नियोक्ताओं को समर्थन पर ध्यान केंद्रित करेंगी।” शिक्षा ऋण पर उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर प्रमुख उपभोग केंद्रों के करीब विकसित किए जाएंगे। संग्रह, भंडारण और विपणन सहित सब्जी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए किसान उत्पादन संगठनों, सहकारी समितियों और स्टार्ट-अप को बढ़ावा दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इस बजट में पूरे वर्ष और उसके बाद का ध्यान केंद्रित करते हुए विशेष रूप से रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया गया है। रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए योजनाओं और पहलों के प्रधान मंत्री के पैकेज की घोषणा की गयी है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के हिस्से के रूप में रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन के लिए तीन योजनाएं लागू करेगी। ये ईपीएफओ में नामांकन पर आधारित होंगे और पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों की पहचान और कर्मचारियों और नियोक्ताओं को समर्थन पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”
वित्त मंत्री ने कहा कि सभी औपचारिक क्षेत्रों में कार्यस्थल पर नए प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों को एक महीने का वेतन दिया जायेगा। ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को तीन किश्तों में एक महीने के वेतन का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण होगा और वह 15,000 रुपये पा सकते है। पात्रता सीमा एक लाख रुपये प्रति माह वेतनमान होगी। इस योजना से 210 लाख युवाओं को लाभ होगा।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे पर बिहार के गया में एक औद्योगिक नोड के विकास का समर्थन किया जायेगा। यह पूर्वी क्षेत्र के विकास को उत्प्रेरित करेगा। सड़क कनेक्टिविटी परियोजनाओं के विकास का भी किया जायेगा। पटना – पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर राजमार्ग, बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा और 26,000 करोड़ रुपये में बक्सर में गंगा नदी पर एक अतिरिक्त दो-लेन पुल का निर्माण शामिल है।
केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, “सरकार 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू करेगी, जिसमें इंटर्नशिप भत्ते के रूप में 5000 रुपये प्रति माह और 6000 रुपये की एकमुश्त सहायता दी जाएगी। कामकाजी महिला छात्रावास स्थापित किए जाएंगे। छात्रावासों और क्रेच के माध्यम से कार्यबल में महिलाओं की अधिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। हमारी सरकार समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय सहयोग नीति लाएगी। हमारी सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।”
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि पीएम आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से एक करोड़ गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा। इसमें अगले पांच वर्षों में 2.2 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल होगी। मुफ्त सौर बिजली योजना पर उन्होंने कहा कि एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए छतों पर सौर पैनल लगाने के लिए पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना शुरू की गई है। यह योजना इसे और बढ़ावा देगी।
देश में छोटे और मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों के विकास पर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार छोटे रिएक्टरों की स्थापना, भारत छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के अनुसंधान और विकास तथा परमाणु ऊर्जा के लिए नई प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास के लिए निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी करेगी। एनटीपीसी और बीएचईएल के बीच एक संयुक्त उद्यम एयूएससी (उन्नत अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल) प्रौद्योगिकी का उपयोग करके 100 मेगावाट का वाणिज्यिक थर्मल प्लांट स्थापित किया जायेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण निवेश किए गए हैं। बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं। यह सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 प्रतिशत होगा। निजी क्षेत्र द्वारा बुनियादी ढांचे में निजी निवेश को व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण और सक्षम नीतियों के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दिवालियापन और दिवालियापन संहिता के तहत परिणामों में सुधार के लिए एकीकृत प्रौद्योगिकी मंच स्थापित किया जाएगा। ऋण वसूली न्यायाधिकरणों को मजबूत किया जाएगा और वसूली में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त न्यायाधिकरण स्थापित किए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि कर अपील दाखिल करने की मौद्रिक सीमा आईटीएटी के लिए 60 लाख रुपये, उच्च न्यायालयों के लिए दो करोड़ रुपये और सर्वोच्च न्यायालय के लिए पांच करोड़ रुपये तक बढ़ाई गई है। सभी वर्गों के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है। विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स की दर 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत की जाएगी।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि अगले छह महीनों में सीमा शुल्क ढांचे की व्यापक समीक्षा की जाएगी। ई-कॉमर्स पर टीडीएस दर को घटाकर 0.1 प्रतिशत किया जाएगा। धर्मार्थ कार्यों के लिए दो कर छूट व्यवस्थाओं को एक में मिला दिया जाए। कर दाखिल करने की तिथि तक टीडीएस में देरी को अपराधमुक्त करने का प्रस्ताव किया गया है।
उन्होंने कहा कि आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की जायेगी और इससे विवाद तथा मुकदमेबाजी कम होगी। इसे छह महीने में पूरा करने का प्रस्ताव है।
वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में विष्णुपद मंदिर गलियारा और महाबोधि मंदिर गलियारा को विश्व स्तरीय तीर्थ और पर्यटन स्थलों में तब्दील किया जाएगा। इसके साथ ही राजगीर का व्यापक विकास किया जाएगा और नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय को उसके गौरवशाली स्वरूप में पुनर्जीवित किया जाएगा। ओडिशा को एक सर्वश्रेष्ठ पर्यटन केंद्र बनाने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि आम बजट 2024-25 रोज़गार, मध्यम वर्ग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) और कौशल प्रशिक्षण पर केन्द्रित है और इन्हें चार जातियों -गरीब, महिला, युवा एवं किसान पर फोकस किया गया है। श्रीमती सीतारमण ने देश के चतुर्दिक समृद्धि एवं सशक्त विकास का पथ के नौ बिन्दुओं की चर्चा करते हुए कहा कि ये बिन्दु – कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और लचीलापन, रोजगार एवं कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक न्याय, विनिर्माण एवं सेवाएँ, शहरी विकास, ऊर्जा संरक्षण, अवसंरचना, नवाचार, अनुसंधान एवं विकास तथा नई पीढ़ी के सुधार हैं। उन्होंने पांच योजनाओं के प्रधान मंत्री पैकेज की घोषणा की।

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