सनम सईद ने ‘बरज़ख’ में फवाद खान के साथ काम करने के अनुभव को साझा किया..
मुंबई, 31 जुलाई । अभिनेत्री सनम सईद ने सीरीज ‘बरज़ख’ में अभिनेता फवाद खान के साथ काम करने के अनुभव को साझा किया है। सनम सईद आगामी सीरीज बरज़ख में अपनी भूमिका को लेकर सुर्खियाँ बटोर रही हैं। इस प्रोजेक्ट में वह एक दशक से ज्यादा वक्त के बाद फवाद खान के साथ काम कर रही हैं। जिन्दगी गुलज़ार है में फवाद के साथ उनकी जोड़ी काफी मशहूर हुई थी। बरज़ख को असीम अब्बासी ने निर्देशित किया है। यह सीरीज ओटीटी प्लेटफॉर्म ज़ी5 और ‘जिन्दगी’ के यूट्यूब चैनल पर आ रही है। इसके नये एपिसोड हर मंगलवार और शुक्रवार को भारतीय समय के अनुसार रात 8 बजे उपलब्ध होते हैं।
सनम ने अपने को-स्टार फवाद खान के साथ दोबारा काम करने पर जानकारी दी है और बताया है कि बरज़ख में वह नये अंदाज में दिखेंगे। उन्होंने बताया, फवाद ऐसे कलाकार हैं, जिनके भीतर एक सितारा छुपा है। इसके साथ ही सनम ने पहाड़ों के चुनौतियों से भरे, लेकिन खुशनुमा माहौल के बारे में बताया है। उन्होंने परिवार, प्यार और उस नुकसान पर रोशनी डाली है, जो इस सीरीज में दिखाया गया है। सनम सईद ने शहरजादी की भूमिका निभाई है। यह बच्ची रहस्यमयी पहाड़ों पर मिली थी और फिर उसे एक स्थानीय ओझा ने पाला। यह किरदार दिखने वाली और अनदेखी दुनिया को जोड़ने का काम करता है। वह अपने इर्द-गिर्द के लोगों का दुख अपने भीतर रखती है और कहानी में टूटे हुए रिश्तों को जोड़ने की कोशिश करती है।
सनम ने कहा, ‘मेरे किरदार शहरजादी को इस तरह से गढ़ा गया है कि वह बहुत ज्यादा उभर नहीं पाती है और मुझे भी उसके साथ फंसने जैसा अनुभव हुआ। वह इसी या किसी और दुनिया की है, लेकिन इंसान है। यह भी हो सकता है कि वह थोड़ी कम इंसान हो। हमें यह नहीं पता है और हम इसे अस्पष्ट रखना चाहते हैं। इसका संतुलन रखना मुश्किल था कि शहरजादी खुद को बहुत जाहिर किये या असरदार बनाये बिना इतनी दमदार कैसे हो सकती है। और उसे रिझाये बिना कोई कैसे उसका हो सकता है। फवाद के लिये यह रोल करना बहुत मायने रखता था, क्योंकि लोगों को उनकी रेंज दिखानी थी। उन्होंने कितने बेहतरीन तरीके से यह भूमिका निभाई है और ध्यान रखा है कि वह एक्टर हैं, सिर्फ हीरो नहीं। वह बहुत अच्छे एक्टर हैं और इस सीरीज में आपको उनका अलग ही पहलू दिखेगा। उनके साथ काम करने में हमेशा खुशी मिलती है, क्योंकि हर बार वह कमाल कर देते हैं। हम सभी लोग पहाड़ों पर थे और बारज़ाख ने हमारा एक परिवार बना दिया। हमने एक-दूसरे को बहुत सहयोग और ताकत दी। पहाड़ों पर बहुत मुश्किलें आईं, क्योंकि ठंड थी और हम रात में भी काम करते थे। लेकिन हमने यह कर दिखाया।
सियासी मियार की रीपोर्ट