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मां-बाप के करीब रहने वाले बच्‍चे होते हैं मजबूत, किसी चुनौती या परेशानी सेनहीं डरते..

मां-बाप के करीब रहने वाले बच्‍चे होते हैं मजबूत, किसी चुनौती या परेशानी सेनहीं डरते..

बच्‍चों के लिए मां-बाप के साथ समय बिताना बहुत जरूरी होता है। इससे बच्‍चों को कई तरह के फायदे मिलते हैं। अगर आप भी एक पेरेंट हैं और अपनी बिजी लाइफ में आपको अपने बच्‍चे के साथ अधिक समय बिताने का मौका नहीं मिल पाता है, तो अब आपको अपनी इस आदत को बदल देना चाहिए। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह बच्‍चों के साथ पेरेंट्स को समय बिताना चाहिए और इससे बच्‍चों को क्‍या फायदे मिलते हैं।

माता-पिता के साथ समय बिताना बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक पाया गया है। मुख्य गतिविधियों में पुरानी यादें ताजा करना, भावनात्मक समर्थन देना, शेयर एक्टिविटीज में भाग लेना, मार्गदर्शन प्रदान करना, और छोटी-छोटी उपलब्धियों का जश्न मनाना शामिल हैं। इससे बच्चों की मानसिक सहनशीलता और खुशी बढ़ती है। तो चलिए जानते हैं कि बच्‍चों की भलाई के लिए पेरेंट्स को उनके साथ किस तरह से समय बिताना चाहिए।

यादें बनाएं

माता-पिता और बच्चों को एक साथ बैठकर अपनी यादों को ताजा करना चाहिए। ऐसा करने से वे एक दूसरे के साथ संबंध का एहसास पैदा करते हैं और सकारात्मक और स्वस्थ रिश्ते बनाते हैं। इससे भावनात्मक समर्थन और सुरक्षा की भावना को भी बढ़ावा मिलता है।

जब माता-पिता और बच्चे मिलकर अपने पुराने अनुभवों और यादों को साझा करते हैं, तो यह उनके बीच की भावनात्मक दूरी को कम करता है। इससे बच्चे अपने माता-पिता के साथ खुलकर बातें कर सकते हैं और अपनी भावनाओं को साझा कर सकते हैं। यह उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है और उन्हें यह महसूस कराता है कि वे परिवार का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

भावनात्‍मक स्‍वास्‍थ्‍य

टाइम्‍स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक आर्टिकल में ओन्टोलॉजिस्ट और मानसिक स्वास्थ्य एवं रिलेशनशिप एक्‍सपर्ट आशमीन मुंजाल ने बताया है कि “स्वस्थ मानसिकता और एक-दूसरे की समझ को बढ़ावा देने के लिए भावनात्मक समर्थन और प्रोत्साहन देना जरूरी होता है। कठिन समय में उपस्थित रहना और खुलकर बात कर पाना इस प्रक्रिया को सुदृढ़ करता है। माता-पिता बिना शर्त के प्यार देते हैं, जो तनाव और चिंता को कम कर सकता है।”

एकसाथ समय कैसे बिताएं

पारिवारिक परंपराओं, एक-दूसरे की हॉबी में शामिल होना पारिवारिक संबंधों को मजबूत कर सकता है। छोटी-छोटी चीजों से भी खुश रहा जा सकता है जैसे कि एकसाथ लंच या डिनर करना। इससे भी परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलता है। ये बच्चों के जीवन में खुशी और संतोष को बढ़ावा देती हैं, जिससे वे अधिक आत्मविश्वासी और खुशहाल महसूस करते हैं। माता-पिता के साथ बिताया गया गुणवत्तापूर्ण समय बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

पेरेंट्स के लिए सलाह

एक मां और भरतनाट्यम कलाकार अपेक्षा निरंजन के अनुसार, “एक-दूसरे का समर्थन करने और कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए एक-दूसरे को सलाह देना और मार्गदर्शन करना चाहिए। इससे बच्‍चे को लगता है कि आप उसकी केयर करते हैं। इससे उसमें आत्म-सम्मान बढ़ता है और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे अवसाद का खतरा कम होता है।”

अपेक्षा निरंजन के विचार से, कठिन समय में एक मजबूत समर्थन प्रणाली का होना बेहद महत्वपूर्ण है। जब परिवार के सदस्य एक-दूसरे को सलाह और मार्गदर्शन देते हैं, तो यह उन्हें समझने और स्वीकार करने की भावना प्रदान करता है।

पॉजिटिव रहना

छोटी-छोटी उपलब्धियों और सफलताओं का जश्न मनाना सकारात्मक प्रगति और परिणामों को जन्म देता है। ये तकनीकें मानसिक स्वास्थ्य में सुधार और खुशहाल जीवनशैली प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं। इससे जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने और मानसिक सहनशीलता बनाए रखने में सहायता मिल सकती है।

जब हम अपनी छोटी-छोटी सफलताओं का जश्न मनाते हैं, तो यह हमें आत्म-संतुष्टि और आत्मविश्वास प्रदान करता है। यह हमें यह महसूस कराता है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और हमारे प्रयासों की सराहना हो रही है। इससे हम अधिक प्रेरित होते हैं और आगे भी सकारात्मक कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।

सियासी मियार की रीपोर्ट