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टमाटर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत! कीमत हुई आधी; लेकिन अन्य सब्जियों पर मंहगाई बरकरार..

टमाटर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत! कीमत हुई आधी; लेकिन अन्य सब्जियों पर मंहगाई बरकरार..

नई दिल्ली, 03 अगस्त। टमाटर ने उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी। दो माह से टमाटर के दाम 100 तक पहुंच गये थे. वहीं उत्तर भारत में टमाटर का ग्राफ पिछले साल की तरह बढ़ रहा है. लेकिन केंद्र सरकार ने समय रहते हस्तक्षेप किया. राज्य में टमाटर का उत्पादन बढ़ा. उनकी आय बढ़ी. बाजार में बड़ी मात्रा में टमाटर आने से मुंबई समेत राज्य के कई हिस्सों में टमाटर के दाम आधे से भी कम हो गये हैं. लेकिन उपभोक्ताओं को लगता है कि कुछ अन्य सब्जियां महंगी हैं.

श्रावण से पहले ग्राहकों को राहत
श्रावण मास प्रारंभ हो रहा है. 5 अगस्त को पहला श्रावण सोमवार है. इस दौरान बड़ी संख्या में नागरिक केवल शाकाहारी भोजन खाते हैं. अब टमाटर और कुछ अन्य सब्जियों के दाम कम हो गए हैं और उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. टमाटर की कीमत कुछ इलाकों में 100 रुपये तो कुछ में 80 रुपये थी. अब ये कीमतें घटकर 40 से 48 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई हैं. अब श्रावण माह में सब्जियों की बड़ी मांग रहने वाली है. टमाटर के दाम कम होने से उन्हें राहत मिली है.

आय में वृद्धि के कारण कीमत में गिरावट
मुंबई समेत आसपास के बाजारों में टमाटर की आवक बढ़ गई है. किसानों ने जून माह में टमाटर लगाया था. इसके चलते अब बाजार में आमद बढ़ गई है. अगस्त के इन दो दिनों में भारी आमद हुई. एक अच्छे कॉपी टमाटर की कीमत 20 रुपये प्रति किलोग्राम है और सबसे छोटे टमाटर की कीमत 8 रुपये प्रति किलोग्राम है। टमाटर महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से मुंबई पहुंचता है.

कुछ दिन पहले एपीएमसी बाजार में टमाटर की खुदरा कीमत 80 रुपये प्रति किलो थी. अच्छी गुणवत्ता वाला टमाटर 100 रुपये प्रति किलो मिल रहा था. अब यह कीमत घटकर 40-45 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई है. कीमतों में गिरावट के कारण उपभोक्ताओं ने अधिक टमाटर खरीदना शुरू कर दिया है. मांग बढ़ गई है. एपीएमसी बाजार में दो दिन पहले जो कीमत 30-40 रुपये प्रति किलो थी वह आज 20-25 रुपये पर स्थिर हो गई है. बेंगलुरु में टमाटर की आवक बढ़ने से टमाटर की कीमतों में गिरावट आई है

टमाटर की कीमत धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है लेकिन सब्जियों की कीमतें अभी भी प्रति 100 किलोग्राम पर बढ़ रही हैं जबकि भिंडी, ग्वार, पापड़ी आदि की कीमत 60 से 70 किलोग्राम है, इसलिए उपभोक्ताओं को अभी भी इस मुद्रास्फीति का सामना करना पड़ रहा है.

सियासी मियार की रीपोर्ट