एएआई ने 2023-24 में 101 हवाई अड्डों के रखरखाव, मरम्मत पर 796 करोड़ रुपये खर्च किए..
नई दिल्ली, 04 अगस्त । भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में 101 हवाई अड्डों के रखरखाव और मरम्मत पर कुल 796 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह राशि इससे पिछले वित्त वर्ष (2022-23) की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
वित्त वर्ष 2021-22 से एएआई का हवाई अड्डों पर इन गतिविधियों को लेकर खर्च लगातार बढ़ रहा है।
मार्च, 2024 को समाप्त पिछले वित्त वर्ष में यह राशि बढ़कर 795.72 करोड़ रुपये हो गई, जो 2022-23 में 663.42 करोड़ रुपये थी।
नागर विमानन मंत्रालय द्वारा राज्यसभा के साथ साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में मरम्मत और रखरखाव कार्यों पर खर्च 535.02 करोड़ रुपये था।
आंकड़ों के मुताबिक, 121 एएआई हवाई अड्डों के लिए व्यय के आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें से 20 हवाई अड्डों पर इस तरह का कोई खर्च नहीं किया गया है।
गत 28 जून को दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल 1डी पर छत का एक हिस्सा गिरने की घटना के बाद से हवाई अड्डा इमारतों के रखरखाव को लेकर चिंता पैदा हुई है।
नागर विमानन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल ने 29 जुलाई को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि सभी हवाई अड्डा परिचालकों को हवाई अड्डे की इमारतों और संबंधित बुनियादी ढांचे की संरचनात्मक स्थिरता का तीसरे पक्ष से ऑडिट कराने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी हवाई अड्डा परिचालकों को हर साल मानसून की शुरुआत से पहले हवाई इमारतों के सभी सिविल, बिजली और तकनीकी पहलुओं को पूरी तरह आकलन करने को कहा गया है।’’
एएआई और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) भागीदारों ने 2019-20 से 2024-25 की अवधि के लिए 91,000 करोड़ रुपये से अधिक के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई है। यह राशि विभिन्न हवाई अड्डों के विकास, उन्नयन और आधुनिकीकरण पर खर्च की जाएगी।
सियासी मियार की रीपोर्ट