यदि पैरों में है पद्म रेखा तो आप होंगे करोड़पति…
जिस प्रकार से हाथों की रेखाओं के आधार पर हम किसी का भाग्य पढ़ते हैं उसी प्रकार से हमारे पैरों के नीचे के भाग में भी रेखाएं होती हैं। चूंकि पैरों की चमड़ी कुछ कठोर होती है इसलिए प्रायः यहां पर सूक्ष्म रेखाएं स्पष्ट दिखाई नहीं देती हैं। ज्यादातर लोगों के पैरों में केवल वही रेखाएं दिखाई देंगी जो कि गहरी हो। जिस प्रकार से सूक्ष्म रेखाओं का जाल हथेलियों में दिखाई देता है उस प्रकार की रेखाएं पैरों में बहुत कम रूप से देखने में आ पाती है। इसका एक प्रभाव तो यह भी होता है कि पैरों की कम रेखाओं के कारण उनसे भविष्य बताना हाथों की रेखाओं से भविष्य बताने की तुलना में कुछ आसान हो जाता है। हालांकि यह आवश्यक भी नहीं है कि है कि सभी के तलवों में कम रेखाएं हों। लेकिन ज्यादातर मामलों में ऐसा होता है।
पैरों के तलवों से भविष्य बताने की विद्या बहुत लोकप्रिय नहीं है। लेकिन भारत में सभी विषयों पर विस्तार से लिखा हुआ मिल जाता है। महाभारत ग्रंथ के बारे में कहा जाता है कि इसमें सभी विषय हैं और जो विषय या प्रसंग इसमें नहीं है वह अन्यत्र कहीं नहीं है। इसलिए हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों की बात करें तो उन्होंने तलवों की रेखाओं के बारे में भी काफी कुछ लिखा है। मुख्य रूप से सामुद्रिक-शास्त्र, गर्ग संहिता और भविष्य पुराण जैसे ग्रंथों में पैरों की बनावट के आधार पर भविष्य कथन कहने के अनेक सूत्र दिये गये हैं। हालांकि इन ग्रंथों में पैरों की बनावट को ज्यादा महत्व दिया गया है। जैसे जिसके पैर मुलायम हो और कुछ लालिमा लिये हों ऐसे पैरों का स्वामी भाग्यशाली होता है। इसी प्रकार से पैरों की अंगुलियां और टखने आदि के बारे में भी काफी कुछ लिखा गया है।
पैरों से भविष्य कथन की बात करें तो इस विद्या में पैरों की बनावट के आधार पर ही भविष्यवाणी करने की परम्परा है। हालांकि पैरों की बनावट के साथ ही कुछ ग्रंथों में तलवों की रेखाओं के बारे में भी काफी कुछ मिलता है। पैरों में मुख्य रूप से शंख रेखा, पद्म रेखा, छत्र रेखा, ध्वजा रेखा और चन्द्र रेखा या चिह्नों के बारे में काफी कुछ लिखा हुआ मिलता है। और तलवों से भविष्य से भविष्य कथन स्थूल रूप से इन चिह्नों पर ही निर्भर होता है। लेकिन इन सब में भी पद्म रेखा विशेष उल्लेखनीय है। आम आदमी जिस प्रकार से हथेली की भाग्य रेखा के संबंध में अधिक दिलचस्पी दिखाता है उसी प्रकार से पैरों की रेखाओं में पद्म रेखा विशेष लोकप्रिय है।
कैसी होती है पदम रेखा
पद्म का शाब्दिक अर्थ होता है कमल। इसलिए जो रेखा कमल के फूल की तरह बनी हुई हो उसे कमल रेखा कहा जाता है। हालांकि आमतौर पर पैरों की पद्म रेखा विशेष प्रसिद्ध है लेकिन हथेलियों में भी पदम रेखा होती है। वैसे भी पैरों की रेखाओं को देखने का चलन बहुत कम है जब कि हथेलियों में पद्म रेखा की पहचान आसानी से की जा सकती है। यहां मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि तलवे के मध्य में पड़ी हुई एक सीधी रेखा को पद्म रेखा समझने की भूल अक्सर की जाती है। जब कि वास्तव में यह सीधी रेखा पद्म रेखा नहीं है। पद्म रेखा वहीं होती है जिस पर कमल के आकार की एक या दो पंखुड़ियां बनी हुई हो।
पद्म रेखा बनाती है करोड़पति
जिस किसी व्यक्ति के पैरों में स्पष्ट पद्म रेखा हो वह बहुत से भवनों का मालिक होता है। सरकार में उसकी भागीदारी होती है। यदि वह बिजनेस करता है तो नगर सेठ की पदवी पाता है। जो लोग संघर्ष करके उपर उठते हैं उनके पैरों में अधूरी पद्म रेखा होती है लेकिन जो लोग खानदानी धनी परिवार से संबंध रखते हैं उनके पैरों में पूर्ण पद्म रेखा दिखाई देगी। ऐसे लोग अपने परिवार के बिजनेस को बहुत आगे ले जाते हैं।
सियासी मियार की रीपोर्ट