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एफएफआई ने 97वें अकादमी (ऑस्कर) अवॉर्ड के लिए भारत से प्रविष्टि चुनने के लिए आवेदन शुरू करने की घोषणा की…

एफएफआई ने 97वें अकादमी (ऑस्कर) अवॉर्ड के लिए भारत से प्रविष्टि चुनने के लिए आवेदन शुरू करने की घोषणा की…

मुंबई, 13 अगस्त भारत के सभी प्रमुख फिल्म संघों की मूल संस्था, फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) की कार्यकारी समिति ने अपनी प्रबंध समिति की बैठक में इस साल ऑस्कर में भारत की प्रविष्टि के लिए फिल्में प्राप्त करने के लिए आवेदन शुरू करने की घोषणा कर दी है।
भारत में ऑस्कर अवॉर्ड के लिए फ़िल्में जमा करने के लिए प्रविष्टियां 15 अगस्त से 10 सितंबर तक शाम 6.00 बजे तक डाली जाएंगी। एफएफआई कला और संस्कृति के रचनात्मक क्षेत्र के वरिष्ठ एवं योग्य लोगों के साथ ज्यूरी के साथ एक अध्यक्ष को नामित करेगा, जो ज्यूरी का हिस्सा होंगे। सभी प्रविष्टियों की स्क्रूटनी के बाद स्क्रीनिंग करने के बाद ही अंतिम प्रविष्टि का निर्णय ज्यूरी के वोट द्वारा किया जाएगा और 27 सितंबर 2024 को इसकी घोषणा की जाएगी।
एफएफआई के अध्यक्ष श्री रवि कोट्टाराकारा आने वाले दिनों में ज्यूरी की टीम के साथ ज्यूरी के अध्यक्ष के नाम की घोषणा करेंगे। और इसके साथ ही फिल्मों के प्रविष्टियों की स्क्रूटनी और चयन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी ।
श्री कोट्टाराकारा ने कहा कि भारत फिल्मों और मनोरंजन के क्षेत्र में एक और अद्भुत वर्ष की ओर बढ़ रहा है और हमें गर्व है कि भारतीय फिल्में प्रतिष्ठित ऑस्कर सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर अपनी छाप छोड़ रही हैं। हम रचनात्मक दुनिया के बीच से एक रोमांचक ज्यूरी पैनल प्रस्तुत करने के लिए उत्साहित हैं जो उस समिति का नेतृत्व करने के लिए बहुत सक्षम और जानकार हैं जो इस साल की बेहतरीन फ़िल्म का चयन करेगी जो इस साल ऑस्कर में भारत की प्रविष्टि होगी।
श्री कोट्टाराकारा ने कहा कि हम इस वर्ष ऑस्कर में भारत की प्रविष्टि के रूप में नामांकित होने की दौड़ में भाग लेने के लिए अधिक से अधिक फिल्मों का स्वागत करते हैं।
एफएफआई एक सुचारू, लोकतांत्रिक और पारदर्शी नामांकन प्रक्रिया के लिए ज्यूरी और निर्माताओं को सभी सहायता प्रदान करेगा । इसमें निर्माता अपनी हर बात रख सकेंगे। इस बार के फ़िल्म प्रविष्टि के लिए नियम यह है कि फ़िल्म 1 नवम्बर 2023 से लेकर 30 सितंबर 2024 तक के बीच रिलीज हुई होनी चाहिए। और कम से कम 1 सप्ताह तक थियेटर में चली होनी चाहिए। यदि किन्हीं वजहों से फ़िल्म थियेटर में नहीं चल पाई तो इसके निर्माता और डिस्ट्रीब्यूटर ज्यूरी को सुनिश्चित करेंगे कि समुचित अवधि में इस फ़िल्म का प्रसारण थियेटर में कर दिया जाएगा और फिर साक्ष्य के साथ वे ज्यूरी के समक्ष अपना दावा प्रस्तुत कर आगे की प्रक्रिया शुरू करेंगे । इसमें एफएफआई के नाम से ( फीचर फिल्म के लिए) 1,25,000 का डिमांड ड्राफ्ट भी सबमिट करना होगा।
फ़िल्म सबमिट करते हुए फ़िल्म के निर्माता , निर्देशक, कास्ट एंड क्रू की पूरी जानकारी, (वैध भारतीय पासपोर्ट के साथ) फ़िल्म किस भाषा मे बनी है उसकी जानकारी के साथ स्टोरी की सिनोप्सिस , और ड्यूरेशन , इंग्लिश सबटाइटल के साथ फ़िल्म जमा करनी होगी ।

सियासी मियार की रीपोर्ट