कोविड-19 के बाद बढ़ती महंगाई के कारण बुजुर्ग आबादी बुरी तरह से प्रभावित : एजवेल अध्ययन..

नई दिल्ली, 30 जुलाई। देशभर में कोविड-19 महामारी के असर के बाद बढ़ती महंगाई से बुजुर्ग आबादी बुरी तरह प्रभावित हुई है। एक गैर-लाभकारी संगठन ‘एजवेल’ के एक अध्ययन में यह दावा किया गया। अध्ययन के अनुसार, भारत में पांच में से चार बुजुर्ग बढ़ती महंगाई से पीड़ित हैं। अध्ययन में शामिल 81 प्रतिशत से अधिक बुजुर्गों ने कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण होने वाली मुश्किलें बढ़ रही हैं। यह अध्ययन ‘भारत में बुजुर्गों पर बढ़ती महंगाई का असर’ (उनके मानवाधिकारों पर पड़े असर पर विशेष प्रभाव) शीर्षक से जुलाई, 2022 के महीने में किया गया था।
अध्ययन में 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के 10,000 से अधिक बुजुर्गों को शामिल किया गया था। इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य बुजुर्गों की आर्थिक स्थिति, मनोवैज्ञानिक मुद्दों और मानवाधिकारों पर बढ़ती महंगाई के असर को लेकर सामाजिक-आर्थिक स्थितिजन्य अध्ययन करना था। अध्ययन के निष्कर्ष के अनुसार, 81.4 प्रतिशत बुजुर्ग यानी दस हज़ार बुजुर्गों में से कुल 8,142 लोगों ने दावा किया कि वे बढ़ती महंगाई के कारण प्रभावित हुए हैं।
अध्ययन के अनुसार, निम्न मध्यम आय वर्ग के 94 प्रतिशत बुजुर्गों ने कहा कि वे महंगाई से प्रभावित हुए। महंगाई से प्रभावित मध्यम आय, उच्च मध्यम, उच्च आय वर्ग के बुजुर्ग उत्तरदाताओं का प्रतिशत क्रमशः 86.1 प्रतिशत, 71.9 प्रतिशत और 26 प्रतिशत था। अध्ययन के अनुसार, 26.8 प्रतिशत बुजुर्गों ने कहा कि बढ़ती महंगाई का सबसे बड़ा कारक वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ी हुई कीमतें थीं। 16.5 प्रतिशत बुजुर्गो के अनुसार, कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन, ब्याज दर में कमी, नौकरी जाना या व्यवसाय में नुकसान जैसे विभिन्न कारकों के कारण आय सीमित या कम होना उनके मुश्किलों का मुख्य कारण है।
सियासी मियार की रिपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal