ट्रंप ने दावों के झूठा होने के बावजूद दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए : न्यायाधीश…

वाशिंगटन, 20 अक्टूबर । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धोखाधड़ी के दावे के आधार पर 2020 के चुनाव परिणामों को चुनौती देने वाले कानूनी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे जबकि उन्हें पता था कि दावे गलत हैं।
यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के न्यायाधीश डेविड कार्टर ने 18-पृष्ठ के अपने एक फैसले (ओपिनियन ऑर्डर) में कहा कि ट्रंप व अटॉर्नी जॉन ईस्टमैन द्वारा एक-दूसरे को भेजे गए चार ईमेल कैपिटल पर छह जनवरी को हुए हमले की जांच कर रही सदन की समिति को दिए जाएं। उन्होंने कहा कि ईमेल को देने से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि उनमें संभावित अपराधों के सबूत शामिल हैं।
न्यायाधीश के फैसले से हालांकि मामले की न्याय विभाग द्वारा अलग से की जा रही जांच पर व्यावहारिक रूप से कोई असर नहीं पड़ेगा। न्याय विभाग चुनाव के परिणामों को पलटने के प्रयासों के आरोपों की जांच कर रहा है। चुनाव के परिणामों को चुनौती देने संबंधी दस्तावेजों पर ट्रंप का हस्ताक्षर करना अभियोजकों के लिए एक बड़ा मुद्दा हो सकता है।
न्यायाधीश ने विशेष रूप से ट्रंप के वकीलों के उन दावों का हवाला दिया कि जॉर्जिया में फुल्टन काउंटी ने गलत तरीके से मृत लोगों, बदमाशों और अपंजीकृत मतदाताओं के 10,000 से अधिक मतों की गणना की। ये झूठे आरोप उन दस्तावेजों का हिस्सा हैं, जिसे ट्रंप की कानूनी टीम ने चार दिसंबर 2021 को जॉर्जिया की एक अदालत में दाखिल किया था।
ट्रंप या उनके किसी प्रतिनिधि ने इस संबंध में अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। गौरतलब है कि ट्रंप ने तीन नवंबर 2020 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में हार स्वीकार नहीं की थी और उन्होंने चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। ट्रंप के इन आरोपों के बीच उनके समर्थकों ने छह जनवरी को संसद भवन परिसर में कथित तौर पर हिंसा की थी।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal